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ज्ञानवापी मस्जिद पर सीएम योगी आदित्यनाथ के बयान पर बोले स्वामी प्रसाद मौर्या ‘वह विवाद को आगे बढ़ाने की प्रथा शुरू कर रहे है, कल लोग मंदिरों में बौद्ध मठ तलाशेगे’, बोले ओवैसी ‘ये अदालत की अवमानना है’

अनुराग पाण्डेय

डेस्क: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर दिए गये बयान ने अब सियासी हडकम्प मचाना शुरू कर दिया है। एक तरफ जहा इस बयान पर स्वामी प्रसाद मौर्या ने सीएम योगी को ‘प्लेसेस आफ वर्शिप एक्ट की याद दिलवाया है। वही दूसरी तरफ एआईएमआईएम चीफ असद्दुदीन ओवैसी ने कहा है कि ‘आप मुख्यमंत्री है, कानून का पालन कीजिये।

On the statement of CM Yogi Adityanath on Gyanvapi mosque, Swami Prasad Maurya said ‘He is starting the practice of furthering the dispute, tomorrow people will find Buddhist monasteries in temples’, Owaisi said ‘this is contempt of court’

बताते चले कि योगी आदित्यनाथ ने समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में कहा था कि ‘अगर उसको मस्जिद कहेंगे तो फिर विवाद होगा। मुझे लगता है कि भगवान ने जिसको दृष्टि दी है, वो देखे न। त्रिशूल मस्जिद के अंदर क्या कर रहा है? त्रिशूल हमने तो नहीं रखा न। ज्योतिर्लिंग है। देव प्रतिमाएं हैं। पूरी दीवारें चिल्ला चिल्लाकर क्या कह रही हैं।’

इस बयान के बाद पलटवार करते हुए सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि सभी धार्मिक स्थलों की 15 अगस्त 1947 की स्थिति को यथास्थिति स्वीकार किया जाए। मस्जिद में मंदिर खोजने का दुस्साहस कर रहे लोग इस विवाद हो हवा दे रहे हैं। विवाद को आगे बढ़ाने की प्रथा शुरू कर रहे है, ऐसा ही चलता रहा तो इसी प्रथा के तहत कल लोग मंदिरों में बौद्ध मठ खोलना शुरू कर देंगे।

योगी आदित्यनाथ पर तंज कसते हुए मौर्य ने कहा कि ‘मुख्यमंत्री उच्च न्यायालय से बड़े नहीं हैं। अदालत के फ़ैसले का इंतज़ार करना चाहिए। जब तक आदेश नहीं आ जाता है तब तक सकारात्मक या नकारात्मक टिप्पणी करने से बचना चाहिए।’ मौर्य ने कहा कि न्यायपालिका के क्षेत्र में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति भी नहीं बोलते हैं। एक दिन पहले ही मौर्य ने कहा था, ‘हर मस्जिद में मंदिर खोजने की परंपरा बीजेपी को भारी पड़ेगी, ऐसा करेंगे तो लोग हर मंदिर में बौद्ध मठ खोजेंगे।’

वही ओवैसी ने कहा है कि ‘आप मुख्यमंत्री हैं, क़ानून को फॉलो कीजिए। आप क़ानून को मान नहीं रहे। आप मुसलमानों पर दबाव डालना चाह रहे। जिस जगह पर 400 साल से मस्जिद है आप वहां दबाना चाहते हैं।’ मथुरा का ज़िक्र करते हुए ओवैसी कहते हैं,’आज से 50-55 साल पहले मथुरा में हिंदू समाज के साथ समझौता किया था। कोर्ट में समझौता दिया गया, फिर भी इस केस को खोल दिया गया। ये सब इनकी साम्प्रदायिक राजनीति का हिस्सा है। 400 साल से नमाज़ हो रही है। जब क़ानून बना दिया गया है तो उसका पालन करना चाहिए।’

योगी पर तंज कसते हुए ओवैसी कहते हैं- उनका बस चले तो सब पर बुलडोज़र चला दें। ओवैसी ने कहा कि ‘मुख्यमंत्री इस बात को जानते हैं कि एएसआई के सर्वे के ख़िलाफ़ मुस्लिम पक्ष ने अपील की है। आज कल में फैसला आने वाला है। ऐसे में वो विवादित बयान दे रहे हैं, ये न्यायपालिका का अपमान है।’उन्होंने कहा कि ‘उपासना स्थल अधिनियम 1991 है। इसके मुताबिक 15 अगस्त 1947 को जिस समुदाय की मस्जिद थी या मंदिर था, वो वैसी ही रहेगी। अगर वो ये कह रहे हैं तो बौद्ध समाज की कई जगहों को 1947 से पहले बदल दिया गया?’

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