तारिक़ खान
डेस्क: पूर्व केंद्रीय मंत्री और वर्तमान में इटावा सीट से लोकसभा सांसद रामशंकर कठेरिया को बिजली अधिकारी से मारपीट के आरोप में विशेष मजिस्ट्रेट एमपी-एमएलए कोर्ट ने दोषी करार दिया है। अदालत ने कठेरिया पर 50 हज़ार जुर्माना और दो साल कारावास की सज़ा सुनाई है। अदालत ने 16 नवंबर 2011 को टोरेंट पावर लिमिटेड के आगरा कार्यालय में मैनेजर भावेश रसिक लाल शाह बिजली चोरी से संबंधित मामलों की सुनवाई करते हुवे यह सज़ा मुक़र्रर किया है।
आरोप है कि आगरा कार्यालय में मैनेजर भावेश रसिक लाल शाह बिजली चोरी से संबंधित मामलों स्थानीय सांसद रामशंकर कठेरिया ने अपने समर्थकों संग मैनेजर भावेश रसिक लाल शाह के साथ मारपीट की थी, जिसमें उन्हें गंभीर चोटें आई थीं। घटना के बाद आगरा के हरीपर्वत थाने में सांसद रामशंकर कठेरिया एवं उनके अज्ञात समर्थकों के ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 147 और 323 के तहत मुकदमा दर्ज़ हुआ था। उक्त मामले में गवाही एवं बहस की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद कल फैसला सुनाया गया है।
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत किसी सांसद या विधायक की सदस्यता जा सकती है। इस क़ानून के ज़रिए आपराधिक मामलों में सज़ा पाने वाले सांसद या विधायक की सदस्यता को रद्द करने का प्रावधान है। इसी प्रावधान के तहत राहुल गांधी और उसके बाद अफजाल अंसारी की संसद सदस्यता रद्द हुई है। अब कांग्रेस इसको लेकर हमलावर नज़र आ रही है और उनकी सदस्यता रद्द करने की आवाज़ उठना शुरू हो गई है।
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