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ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे पर मीडिया ट्रायल के मुखालिफ मस्जिद कमेटी ने दाखिल किया अदालत में याचिका, प्रशासन ने एक वादिनी मुकदमा और एक अधिवक्ता को दिया नोटिस, दोनों ने नोटिस मिलने से किया इंकार

तारिक़ आज़मी

वाराणसी: वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में अदालत के हुक्म से हो रहा ASI सर्वे शांतिपूर्ण ढंग से आपसी सौहार्द सहित चल रहा है। इस दरमियान मीडिया में चल रही खबरों ने अपनी सनसनी फैलाने के लिए कई बार झूठी अफवाहों पर भी बल दिया। जिससे नाराज़ अंजुमन इन्तेज़मियां मसाजिद कमेटी ने अफवाहों पर लगाम नही लगने पर सर्वे का बाईकाट करने की चेतावनी भी दिया था।

इसके बाद आज जिला प्रशासन के सूत्रों से जानकारी निकल कर सामने आई कि वाराणसी प्रशासन ने बयानबाजी करने के मुद्दे पर एक वादिनी मुकदमा और एक अधिवक्ता को नोटिस दिया है। वैसे इस नोटिस के सम्बन्ध में उक्त अधिवक्ता और वादिनी मुकदमा ने किसी प्रकार की नोटिस प्राप्त न होने की बात मीडिया से कही है। वही आज अंजुमन इन्तेज़मियां मसाजिद कमेटी ने जिला जज वाराणसी की अदालत में एक याचिका भी दाखिल किया है जिसमे हो रहे सर्वे पर मीडिया ट्रायल तत्काल रोकने के आदेश देने का निवेदन किया है।

अदालत में याचिका पर आज सुनवाई नही हो पाई है। अंजुमन के जानिब से ऐसी आशा वक्त किया गया है कि इसके ऊपर सुनवाई कल अदालत में होगी। याचिका में अदालत से इल्तेजा किया गया है कि अदालत ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर चल रहे मीडिया ट्रायल पर तत्काल रोक लगाये। याचिकाकर्ता ने आशंका जताते हुवे कहा है कि यदि मीडिया ट्रायल इस संवेदनशील मुद्दे पर बंद नही होता है तो शहर की अमन-ओ-फिजा ख़राब हो सकती है।

बताते चले कि शुक्रवार से ही मीडिया में चल रही अफवाहों के कारण सनसनी फ़ैल रही है। पहली सनसनी कुछ मीडिया हाउस ने शुक्रवार को फैलाया जब नमाज़-ए-जुमा के दरमियान शहर मुफ़्ती मौलाना बातिन नोमानी के तक़रीर को भड़काऊ तक़रीर करार दे दिया था। एक खुद को राष्ट्र का नबर वन होने का दावा करने वाले मीडिया संस्थान ने दावा ये खबर प्रसारित किया था। जबकि हकीकत ये थी कि मौके पर यह तक़रीर मस्जिद के लाउडस्पीकर पर हुई थी और आस-पास खड़े प्रशासन ने भी इस तक़रीर को सुना था।

इसी दिन सुप्रीम कोर्ट ने भी ASI को विभिन्न बंदिशों के साथ सर्वे करने का आदेश दे दिया, जिसके बाद मस्जिद कमेटी भी शनिवार को सर्वे में शामिल हुई। दोपहर में इसी खुद को नम्बर एक बताने वाले ने ब्रेकिंग न्यूज़ चला कर अफवाह फैला दिया कि उसके सूत्र बताते है कि मस्जिद के तहखाने में मूर्ति, त्रिशूल और कलश मिला है। इस न्यूज़ के ब्रेक होने के बाद कई अन्य मीडिया संस्थानों ने भी इस अफवाह को खबर बना कर प्रकाशित और प्रसारित करना शुरू कर दिया। जबकि पहले ही मिनट में वादिनी मुकदमा के अधिवक्ताओं ने इसको कोरी अफवाह करार दिया था।

इन सब अफवाहों और मीडिया ट्रायल से आहात मुस्लिम तंजीमो ने रविवार को एक बैठक में यह निर्णय किया कि मीडिया ट्रायल पर रोक लगाने के लिए अगला कदम उठाना पड़ेगा। जिसके बाद जिला अधिकारी को मस्जिद कमेटी ने शिकायत किया, जिसके सम्बन्ध में बताया जा रहा है कि जिला प्रशासन ने दो लोगो को बयानबाजी के लिए नोटिस जारी किया है। आज मस्जिद कमेटी ने मीडिया ट्रायल के मुखालिफ याचिका दाखिल किया है, जिसके ऊपर कल सुनवाई होने की उम्मीद है।

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