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ज्ञानवापी मस्जिद मामले में विवादित बयान देने वाले व्यापारी नेता अजीत सिंह बग्गा का आखिर क्या है इस कुख्यात हिस्ट्रीशीटर से सम्बन्ध….? देखे वीडियो

तारिक़ आज़मी

वाराणसी: विगत दिनों ज्ञानवापी मस्जिद मसले पर विवादित बयान देकर चर्चा का बटोरने का प्रयास करने वाले व्यापारी नेता अजीत सिंह बग्गा के उस बयान से मुस्लिम समुदाय नाराज़ दिखाई दे रहा है। इस क्रम में ज्ञानवापी मस्जिद सहित वाराणसी की 22 एतिहासिक मस्जिदों की देख रेख करने वाली संस्था अंजुमन इन्तेज़मियां मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव ने उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा कर इस बयान की कड़ी आलोचना करते हुवे कार्यवाही की मांग किया है।

यही नही आज नमाज़-ए-जुमा में भी अधिकतर मस्जिदों में अजीत सिंह बग्गा और उनके भतीजे के बयान पर मुस्लिम धर्म गुरुओ ने अपनी तक़रीर में नारजगी दिखाते हुवे उन्हें धमकी देने और ऐसे नफरती बयाना देने से बाज़ आने की अपील किया है। चर्चा के केंद्र बने अजीत सिंह बग्गा के इस बयान पर केवल वाराणसी ही नही बल्कि अन्य जनपदों में भी मुस्लिम समाज नाराज़ नज़र आया। यही नही खासी नाराजगी उस भोपू मीडिया के लिए भी दिखाई दी जो अजीत सिंह बग्गा का साक्षात्कार ले रहा था। उसकी मुस्लिम समाज के लिए नफरती शब्दों की भी धर्म गुरुओ ने आलोचना किया।

इस दरमियाना हमने कल अपने वीडियो में अजीत सिंह बग्गा के बयान का पूरा लेखा जोखा प्रस्तुत किया था। अजीत सिंह बग्गा खुद को वाराणसी व्यापार मंडल अध्यक्ष होने का दावा करते है। सिख समुदाय के प्रतिनिधि के तौर पर उनके बयान की आलोचनाओं के बीच हमने आज जब गौर से उस वीडियो को देखा जिसमे अजीत सिंह बग्गा और उनका भतीजा गुलजीत सिंह बग्गा बयान दे रहे है, तो उनके साथ खड़े उनके परिचितों में एक चेहरा कुख्यात हिस्ट्रीशीटर का भी दिखाई दिया। अजीत सिंह बग्गा के ठीक बगल में खड़े इस कुख्यात हिस्ट्रीशीटर का नाम प्रवीण मिश्रा है।

लगभग दो दर्जन मुकदमो का अपराधिक इतिहास रखने वाले प्रवीण मिश्रा का नाम भेलूपुर थाने के टॉप 10 अपराधियों की लिस्ट में है। सूत्र बताते है कि कुछ माह पहले ही प्रवीण मिश्रा जेल से जमानत पर रिहा हुआ है। ऐसे अपराधिक इतिहास रखने वाले का सम्बन्ध अजीत सिंह बग्गा से कैसे है इसकी जाँच तो वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट को करना है। मगर जिस प्रकार से अजीत सिंह बग्गा के साथ वह खडा है, उससे तो यह अवश्य प्रतीत होता है कि अजीत सिंह बग्गा का पुराना परिचित होगा।

इस मामले में हमने अजीत सिंह बग्गा से संपर्क करने की कोशिश किया मगर संपर्क नही हो पाया, जिससे उनका बयान खबर के साथ नही है। उनका बयान इस मामले में आते ही खबर अपडेट कर दिया जायेगा। मगर इतना तो ज़रूर है कि एक व्यापारी नेता के तौर पर अपनी पहचान बताने वाले अजीत सिंह बग्गा के साथ एक कुख्यात हिस्ट्रीशीटर ‘दाल में कुछ काला’ होने की संभावना से इंकार नही करता है। खुद के परिवार में सभी गाडियों पर हूटर लगा कर चलने वाले बग्गा जी भले खुद को मंत्री समझे, मगर उनको समझना चाहिए कि कानून उनके लिए भी है, नियम उन पर भी लागू होते है।

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