फारुख हुसैन
डेस्क: ‘आज तक’ टीवी चैनल एंकर सुधीर चौधरी के ख़िलाफ़ बेंगलुरु पुलिस ने ‘सांप्रदायिक शांति भंग करने की साज़िश’ करने के आरोप में एफ़आईआर दर्ज किया है। सुधीर चौधरी ने अपने शो में अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण को लेकर बात की थी। उन्होंने एक समाचार को अपने शो ‘ब्लैक एंड वाइट’ में अधुरा दिखा कर सरकार पर अल्पसंख्यको के तुष्टिकरण का आरोप लगाया था।
इसके बाद दर्ज एफ़आईआर में कहा गया है कि ‘शो में दावा किया गया है कि स्कीम से ग़रीब हिंदुओं के ख़िलाफ़ अन्याय है।’ निगम बेरोज़गार युवाओं को ऑटोरिक्शा, माल वाहक गाड़ियां या टैक्सी ख़रीदने के लिए 50 प्रतिशत या अधिकतम 3 लाख रुपये की सब्सिडी देता है। इसी तरह की स्कीमें देवराज उर्स विकास निगम, डॉ। बीआर आंबेडकर विकास निगम, वाल्मीकि विकास निगम और आदि जम्भावा विकास निगम भी लागू करते हैं। इस तरह की स्कीमें केवल अल्पसंख्यकों को ही नहीं बल्कि पिछले वर्गों, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए भी चलाई जाती हैं।
शिकायत में कहा गया है, ‘लेकिन न्यूज़ चैनल ने इस ख़बर को तोड़ मरोड़ कर कहा कि ये स्कीम आम तौर पर अल्पसंख्यकों के लिए और विशेष तौर पर मुस्लिमों के लिए है इसलिए ये हिंदुओं के साथ अन्याय है। ये ख़बर ग़लत और दुर्भावनापूर्ण है। इसका मकसद समाज में साम्प्रदायिक भावनाओं को भड़काना था। संबंधित न्यूज़ चैनल के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई शुरू करनी चाहिए।’
बेंगलुरु सेंट्रल डीसीपी शेखर एचटी ने मीडिया को बताया है कि ‘शिकायत दर्ज कर ली गई है और धारा 505 और 153ए के तहत कार्रवाई शुरू कर दी गई है। हम क़ानून के अनुसार मामले की जांच करेंगे।’ इस सम्बन्ध में केएमडीसी के एमडी मोहम्मद नासीर ने बताया, ‘ये कोई लोन नहीं जो निगम दे रहा है। बैंक लोन देते हैं और निगम सब्सिडी मुहैया कराता है। किसी ने हमसे नहीं पूछा कि स्कीम क्या है और क्या दूसरे निगम भी ऐसी स्कीम चलाते हैं।’
ये स्कीम जब 2017-18 में कांग्रेस सत्ता में थी, तब शुरू की गई थी और बाद के सालों में बीजेपी सरकार ने भी इसे लागू किया। हालांकि इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री राजीव शेखर ने पहली बार आठ सितम्बर को एक ट्वीट कर तुष्टीकरण के इस मुद्दे को उठाया था और इस स्कीम के विज्ञान का हवाला दिया था।
उन्होंने कहा था, ‘कर्नाटक में राहुल की कांग्रेस द्वारा विशेष समुदायों को खरीदने की तुष्टीकरण की बेशर्म राजनीति का ये एक और नमूना है। छह लाख की गाड़ी खरीदो और 50 प्रतिशत की सब्सिडी पाओ, अगले दिन पांच लाख में बेच दो। दो लाख का फायदा। केवल गैर हिंदुओं के लिए उपलब्ध और ग़रीब हिंदू समुदाय इसमें शामिल नहीं हैं। सभी कर्नाटक वासियों के लिए बने संसाधनों को किसी एक समुदाय को रिश्वत देने के लिए इस्तेमाल हो रहा है। ये खुला भेदभाव है और एक ऐसी पार्टी द्वारा अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है जो खुद कहती है कि भारतीय संविधान खतरे में है। यह तुष्टीकरण और यूपीए/ ‘इंडिया’ गठबंधन की वंशवादी भ्रष्ट राजनीति है।
इसी तरह के ट्वीट बीजेपी नेता सीटी रवि ने भी किया था। एफ़आईआर के बाद सुधीर चौथरी ने ट्वीट कर एफ़आईआर दर्ज करने की मंशा पर सवाल खड़ा किए हैं। मगर इन सबके बीच सुधीर चौधरी ने अपने वीडियो का ट्वीट डिलीट कर दिया है। ऑल्ट न्यूज़ के मो0 जुबैर ने इसका स्क्रीन शॉट पोस्ट करते हुवे सवाल उठाया है। सोशल मीडिया पर इस बात को विशेष बल मिला है कि अगर कुछ गलत नही था तो सुधीर चौधरी ने ट्वीट डिलीट क्यों किया ?
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