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भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने सदन में बसपा सांसद कुंवर दानिश अली पर किया शर्मनाक टिप्पणी, सियासी भूचाल, मुस्लिम सांसद पर टिप्पणी के समय रविशंकर प्रसाद और डॉ हर्षवर्धन क्यों मुस्कुरा रहे थे?

तारिक़ आज़मी

डेस्क: गुरुवार रात को लोकसभा में ‘चंद्रयान-3 की सफलता’ पर चल रही चर्चा के दौरान भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने बसपा सांसद कुँवर दानिश अली को निशाने पर रखते हुए विवादित टिप्पणी सियासी भूचाल मचाये हुवे है। आज़ाद भारत के इतिहास में संसद में घटी यह घटना बेहद निंदनीय है। रमेश विधूड़ी के शब्दों को लोकसभा की कार्यवाही से बाहर निकाल दिया गया है। वही सांसद कुवर डेनिश अली ने भाजपा सांसद के निलंबन की मांग किया है।

बिधूड़ी ने जो कहा, उसके असंसदीय होने की गंभीरता का अंदाज़ा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि चर्चा के दौरान सदन में मौजूद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फौरन इस पर अपना अफसोस जाहिर किया। मगर सबसे शर्मनाक संसद के लिए वह वक्त था जब रमेश विधूड़ी ऐसे शर्मनाक शब्दों का इस्तेमाल कर रहे थे, उस समय उनके ठीक पीछे बैठे रविशंकर प्रसाद और डॉ हर्षवर्धन हँसते हुवे दिखाई दे रहे है।  सिर्फ इसी कारण अब बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद को सफाई देना पड़ रहा है और उन्होंने कहा कि वे किसी अशोभनीय टिप्पणी का समर्थन नहीं करते। बसपा सांसद दानिश अली को कहे गए अपशब्दों को लेकर पड़े चौतरफा दबाव के बाद बीजेपी को अपने सांसद को कारण बताओ नोटिस जारी करना पड़ा।

ऐसा नहीं है कि रमेश बिधूड़ी इस प्रकार की बत्तमीजी का पहला मामला ये सामने आया है। इसके पहले भी कई बेहुदे बयानों और रमेश बिधुडी का रिश्ता आपस में रहा है। साल 2017 में उन्होंने कांग्रेस पर हमला करने के लिए सोनिया गांधी इतालवी मूल का मुद्दा उठाया था। टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि मथुरा में उन्होंने एक जनसभा के दौरान कहा, ‘इटली में ऐसे संस्कार होते होंगे कि शादी के पांच-सात महीने बाद पोता या पोती भी आ जाए, भारतीय संस्कृति में ऐसे संस्कार नहीं हैं।’

बिधूड़ी ने ये बात कांग्रेस की उस आलोचना का जवाब देने में कही थी कि सरकार बनने के ढाई साल बाद भी बीजेपी सरकार ने अपने वादे पूरे नहीं किए हैं। जिसको आधार बना कर उन्होंने इस बयान पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा था कि ‘हमारे पांच साल का कार्यकाल पूरा होने से पहले हमसे ‘अच्छे दिन’ का हिसाब नहीं मांग सकती है।’ बिधूड़ी पर पहले भी संसद के भीतर ‘असंसदीय’ और ‘अशोभनीय’ कमेंट करने का आरोप लग चुका है। ये घटना चार अगस्त, 2015 की है। रंजीत रंजन, सुष्मिता देव, अर्पिता घोष और पीके श्रीमति टीचर ने बिधूड़ी पर ‘अभद्र और अमर्यादित’ भाषा के इस्तेमाल का आरोप लगाया था। हालांकि बिधूड़ी ने उनके आरोपों से इनकार किया था।

अंग्रेज़ी अख़बार इकोनॉमिक टाइम्स से उन्होंने इस मामले पर पूछे जाने पर अपने जवाब में कहा था, ‘मेरी उनसे कोई निजी लड़ाई नहीं है और मैंने ऐसी किसी भाषा का इस्तेमाल नहीं किया है। वे ध्यान भटकाने के लिए ऐसे तौर-तरीकों का इस्तेमाल कर रही हैं। वे महिला होने का नाजायज़ फ़ायदा उठा रही हैं।’ वैसे लोकसभा के स्पीकर ओम बिड़ला ने बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी के सदन में दिए विवादास्पद बयान को ‘गंभीरता’ से लेते हुए भविष्य में ऐसे बर्ताव की पुनरावृत्ति पर उन्हें ‘कड़ी कार्रवाई’ की चेतावनी दी है।

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