आदिल अहमद
डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) नेता बृंदा करात और केएम तिवारी की याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी। इस याचिका में भारतीय जनता पार्टी के नेता अनुराग ठाकुर और परवेश वर्मा के खिलाफ जनवरी 2020 में चुनावी रैलियों के दौरान भाषण कथित नफरत भरे भाषण के आरोप में एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है। अब सुनवाई 3 अक्टूबर को होनी है। हालांकि अदालत ने मामले को एक महीने बाद फिर से सूचीबद्ध करने का आदेश दिया, लेकिन यह स्पष्ट रूप से कहा गया कि दिल्ली पुलिस को और स्थगन नहीं दिया जाएगा।
जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस पंकज मित्तल की पीठ करात और तिवारी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें दिल्ली हाईकोर्ट ने एक ट्रायल कोर्ट को रद्द करने से इनकार कर दिया था, जिसने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के दो नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की उनकी याचिका खारिज कर दी थी। अदालत ने नोटिस जारी किया था और अप्रैल में दोनों की विशेष अनुमति याचिका पर दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा था।
याचिकाकर्ताओं के अनुरोध का विरोध करने के बावजूद दिल्ली पुलिस के स्थगन मांगने पर आज की सुनवाई स्थगित कर दी गई। करात और तिवारी की याचिका पर सुनवाई के लिए अदालत के सहमत होने के बाद से यह तीसरा स्थगन है। मई में विशेष अनुमति याचिका के जवाब में जवाबी हलफनामा दायर करने के लिए दिल्ली पुलिस आयुक्त को अतिरिक्त समय दिया गया था। हाल ही में दिल्ली पुलिस द्वारा सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध करने वाला एक पत्र प्रसारित करने के बाद पिछले महीने सुनवाई फिर से स्थगित कर दी गई थी।
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