बापुनंदन मिश्र
डेस्क: सनातन धर्म में परिवार की सलामती के लिए व्रत उपवास रखने की परंपरा बहुत पुरानी है। महिलाएं अपने पुत्रों की लंबी आयु और पुत्र रत्न मनोकामना पूर्ण होने के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। पौराणिक मान्यता है कि शास्त्रों के अनुसार, विधि विधान से जितिया व्रत रखने से पुत्रों की आयु दीर्घायु हो जाती है और घर परिवार में सुख समृद्धि का आगमन होता है।
व्रत वाले दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करने के बाद मड़वे की रोटी, दही, चूड़ा, चीनी और अन्य चीजों का तैयार प्रसाद को देवी देवताओं और अपने पूर्वजों को अर्पित करने के बाद पूरा परिवार इस प्रसाद को ग्रहण करता है। प्रसाद ग्रहण करने के उपरांत अगले 24 घंटे तक व्रत करने वाली महिलाएं किसी भी तरीके का फल फूल या जल ग्रहण नहीं करती है।
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