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मध्य प्रदेश: जिंदा लोगो को कागज़ पर मरा घोषित कर निकाल लिया गया सरकार के खजाने से 94 लाख रुपया, अब खुद को जिंदा साबित करने की जारी है उनकी जद्दोजेहद

तारिक़ खान

डेस्क: मध्य प्रदेश में एक और घोटाला सामने आया है। इस घोटाले में लगभग 94 लाख रुपया उन लोगो की मौत के नाम सरकार से ले लिया गया है जो अभी तक जिंदा है। इस 94 लाख रुपये निकाले जाने का दावा शिवपुरी जनपद में मुख्य कार्यपालन अधिकारी उमराव सिंह मरावी के नेतृत्व में की गई जांच में किया गया है। ज़िलाधिकारी रवींद्र कुमार चौधरी के मुताबिक़ इस मामले में दो मुख्य कार्यपालन अधिकारी, दो क्लर्क और एक ऑपरेटर शामिल थे। जिनके खिलाफ कार्यवाही चल रही है।

बताते चले कि मध्य प्रदेश सरकार की दो योजनाएँ ‘संबल’ और ‘मध्य प्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल’ है। ये मामला इन्हीं दो योजनाओं के तहत गड़बड़ी का है। इनके तहत पंजीकृत किए गए मज़दूरों की मौत होने पर अंत्येष्टि सहायता के रूप में छह हज़ार रुपए और अनुग्रह राशि के रूप में सामान्य मृत्यु पर दो लाख रुपए और दुर्घटना से मौत पर चार लाख रुपए दिए जाते हैं। ये घोटाला इसी योजना के तहत हुआ है।

ज़िले के कलेक्टर रवींद्र कुमार चौधरी ने पूरे मामले पर बताया कि ‘इसमें ज़िंदा लोगों को मरा हुआ बता दिया गया और उनके नाम पर पैसे निकाल लिए गए। इस मामले में पहले एक एफ़आईआर की गई थी। उसी के आधार पर जाँच की गई तो कई मामले सामने आए। उसके बाद कुछ लोगों को गिरफ़्तार कर लिया गया।’ ज़िलाधिकारी रवींद्र कुमार चौधरी के मुताबिक़ गिरफ़्तार किए गए लोगों में दो मुख्य कार्यपालन अधिकारी, दो क्लर्क और एक ऑपरेटर शामिल हैं।

हालाँकि उन्होंने यह नहीं बताया कि कुल कितने लोग गिरफ़्तार किए गए हैं। कलेक्टर ने बताया, ‘इन लोगों ने फ़र्ज़ी मृत्यु प्रमाण पत्र बना कर पोर्टल पर अपलोड कर दिया। उनके पास आधिकारिक आईडी उपलब्ध थी, उसके ज़रिए पैसे अपने क़रीबियों के खातों में भेजे गए। पूरी कोशिश की जा रही है कि जिन लोगों को सरकारी योजना के लाभ नहीं मिले हैं उन्हें पहले की तरह इसे दिया जाएगा और अब तक के नुक़सान की भरपाई अभियुक्तों की संपत्ति से की जाएगी।’

इस प्रकरण में ये बात भी सामने आई है कि जिन खातों में पैसे भेजे गए, उनमें अधिकतर शिवपुरी और राज्य के बाहर के थे। पूरा मामला 2019 से लेकर 2022 के बीच का है। केवल खोरघार में ही ऐसे सात लोग हैं। अगर पूरे शिवपुरी की बात की जाए, तो अब तक ऐसे 26 लोगों को चिह्नित किया गया है। खोरघार के अलावा कपराना, सूड, ईटमा और खजूरी जैसे गाँव के रहने वाले इन लोगों को भी काग़ज़ों पर मरा हुआ बता दिया गया है। पुलिस इस मामले में कुछ लोगों को गिरफ़्तार कर के इस जाँच में जुटी है कि इस तरह के और कितने मामले हैं। हालाँकि पीड़ितों की लड़ाई अब भी जारी है और वो इस जद्दोजहद में लगे हैं कि उन्हें ज़िंदा साबित किया जाए।

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