मनोज गोयल
डेस्क: बरेली में उफान पर रामगंगा नदी है। नदी में उफान के कारण दिक्कतें बढती जा रही है। फसलो पर भी आफत आती दिखाई दे रही है। दरअसल, बरेली में बीते चार दिन हुई भारी बारिश और बैराज से रामगंगा नदी में 1।28 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच रहा है। तटवर्ती इलाकों में जलभराव की स्थिति है। बाढ़ की आशंका से ग्रामीणों को चेतावनी जारी कर नदी से दूर रहने के लिए कहा गया है।
सोमवार शाम को रामगंगा नदी का जलस्तर 159.3 मीटर गेज था जो मंगलवार शाम चार बजे तक 161 मीटर गेज दर्ज हुआ। 162.07 मीटर गेज पर जलप्रवाह होने से अलर्ट और 163.07 मीटर गेज पर खतरा रहेगा। बाढ़ खंड की रिपोर्ट के मुताबिक, रामगंगा का जलस्तर अभी थमने वाला नहीं है। बारिश न हुई तो भी अगले तीन दिनों तक जलस्तर बढ़ने की आशंका है, क्योंकि मुरादाबाद में हुई भारी बारिश और बैराज से छोड़ा गया पानी भी बरेली की सीमा में पहुंचेगा। इसमें दो दिन लग सकते हैं। अभी रामगंगा का जलस्तर और बढ़ने की आशंका है।
एक्सईएन के मुताबिक, रामगंगा नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए तहसील बहेड़ी, मीरगंज, सदर, आंवला और फरीदपुर के किनारे स्थित गांवों में बनी बाढ़ चौकियां सक्रिय कर दी गई हैं। तटबंधों की निगरानी की जा रही है। किसी तरह जन-धन हानि होने पर तत्काल मदद मुहैया कराई जाएगी। वही फरीदपुर क्षेत्र में रामगंगा नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद खल्लपुर गांव में बने पुल का संपर्क मार्ग बह गया। यह पुल बदायूं के दातागंज को फरीदपुर से जोड़ता है। मार्ग बहने से यातायात बंद हो गया। इससे आवागमन की समस्या उत्पन्न हो गई है।
वही रामगंगा का जलस्तर बढ़ने से सूदनपुर गांव के पास बना तटबंध टूट गया। इससे गांव की सीमा तक पानी पहुंचने लगा है। आसपास के कई गांवों में सैकड़ों बीघा फसलें जलमग्न हो गईं। सूचना पर एडीएम एफआर संतोष बहादुर सिंह, बाढ़ खंड के एसडीओ अमित कुमार, नायब तहसीलदार विदित कुमार समेत अन्य अफसर पहुंचे। रामगंगा के किनारे गोताखोरों को तैनात कर लोगों को सतर्क किया। तटबंध को बचाने के लिए सिंचाई विभाग के बाढ़ खंड की ओर से कई दिनों से प्रयास किए जा रहे थे।
ग्रामीणों ने बताया कि नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। अगर जलस्तर ऐसे ही बढ़ता रहा तो सूदनपुर, गुजरहाई, भाट, ऐंठपुर, चुराह नवदिया, गैनी, गोकिलपुर, जितौर, खजुहाई समेत कई गांव खतरे की जद में आ जाएंगे। बताते चले बारिश के बाद किच्छा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। नदी किनारे स्थित नगरिया कला, पनबड़िया, लखीमपुर, धर्मपुर, बैरमनगर, कस्बापुर आदि गांवों में फसलें जलमग्न हो गई हैं। किसानों ने मुआवजा दिलाने की मांग की है।
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