Crime

देखे कैसे दुस्साहसिक तरीके से हुई कौशाम्बी में दलित बेटी, दामाद और ससुर की गोली मार कर हत्या, 8 नामज़द में अमर सिंह और अमित सिंह गिरफ्तार, पीड़ित पक्ष ने फुके आरोपियों के घर, पथराव में तहसीलदार और 6 पुलिस कर्मी घायल

तारिक़ खान

कौशाम्बी: जनपद के संदीपनघाट थाना क्षेत्र स्थित पंडा चौराहे पर आज अहल-ए-सुबह बेटी-दामाद और ससुर की गोली मारकर हत्या के समाचार ने पुरे जनपद को हिला कर रख दिया। ट्रिपल मर्डर की इस घटना के जानकारी में आने के बाद मौके पर भारी संख्या में फ़ोर्स और आलाधिकारी भी पहुचे और बड़ी मुश्किलों के बाद मृतक के परिजनों को समझाने में कामयाब रहे।

इस दरमियान सबसे बड़ा सवालिया निशान स्थानीय पुलिस और राजस्व विभाग के ऊपर लग रहा है। परिजनों ने स्थानीय थाने पर गम्भीर आरोप लगाये है। इस ट्रिपल मर्डर केस में मुख्य अभियुक्तों में एक के गिरफ़्तारी का समाचार प्राप्त हुआ है। फिलहाल समाचार लिखे जाने तक मुख्य आरोपी अमर सिंह और अमित सिंह की गिरफ्तारी हो चुकी है। इसके अलावा 6 अन्य की तलाश के लिए पुलिस की टीमें लगाई गई हैं। इनमें गुड्डू यादव, अरविंद सिंह, अरविंद सिंह, राजेंद्र सिंह, सुजीत सिंह, अजीत शामिल हैं।

नाराज लोग अभी भी जगह-जगह पथराव और आगजनी कर रहे हैं। ​​​पीड़ित परिवार की महिलाओं ने पथराव किया। इसमें तहसीलदार पुष्पेंद्र गौतम का सिर फट गया। वहीं, 6 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। कौशांबी के सांसद विनोद सोनकर और चायल से सपा विधायक पूजा पाल मौके पर पहुंची हैं। दोनों नेताओं ने पीड़ित परिजनों से मिलकर ढांढस बंधाया।

वीडियो मौके का यहाँ देखे

पीड़ित पक्ष का कहना है कि जब तक इंसाफ नहीं मिलेगा, वो शवों का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। मृतकों के परिजन बुलडोज़र कार्यवाही की मांग कर रहे है। भारी फ़ोर्स आरोपियों के घरो के बाहर तैनात है। बार बार पीड़ित की महिलाए आरोपियों के घर तोड़-फोड़ और आगजनी करने पहुच रही है। इलाका छावनी में तब्दील हो गया है। स्थिति अभी भी तनावपूर्ण है। गाँव में बाहर से किसी को आने की इजाज़त नही है।

ट्रिपल मर्डर की सुचना पर चायल और सिराथू सीओ कई थानों की पुलिस फोर्स के साथ पहुंचकर हालात को काबू करने में लगे हैं। घटना का कारण भूमि विवाद बताया जा रहा है। एडीजी भानु भास्कर, आईजी चंद्रप्रकाश, कमिश्नर विजय विश्वास पंत, एसपी कौशांबी बृजेश श्रीवास्तव भारी फोर्स के साथ गांव में पहुंच गए हैं। पीड़ित परिवार के लोग आरोपियों के घर पर बुलडोजर चलवाने की मांग कर रहे हैं। मृतकों के आक्रोशित परिजनों ने लगभग आधा दर्जन से अधिक घरो में आग लगा दिया जिसके सम्बन्ध आरोपियों से बताया जाता है।

घटना के सम्बन्ध में मिली जानकारी के अनुसार छबिलवा निवासी होरीलाल (62) की पंडा चौराहा पर मौजूद जमीन का आसपास के कुछ लोगों से विवाद चल रहा है। होरीलाल ने विवादित भूमि पर झोपड़ी डालकर अपना कब्जा कर रखा है। कोखराज कोतवाली के कंकराबाद में ब्याही बेटी बृजकली (22) व दामाद  शिवसागर(26) भी इसी झोपड़ी में रहते थे। शिवसागर ने पास में ही किराए की दुकान लेकर सहज जन सेवा केंद्र खोल रखा था।

होरीलाल का इसी झोपड़ी से 100 मीटर की दूरी पर घर है। वहां उनकी पत्नी और दो नाती रहते हैं। गुरुवार देर शाम होरीलाल, बेटी-दामाद के साथ झोपड़ी में आ गए। तीनों चारपाई बिछाकर झोपड़ी के बाहर सो गए। सुबह जब आस-पास के लोग जगे, तो उन्होंने तीनों की चारपाई में खून से लथपथ लाश देखी। इसके तुरंत बाद परिवार वाले भी पहुंच गए। घटना स्थल देख कर लगता था कि हमलावरों ने उठने का मौका भी नही दिया था और तीनो की हत्या कर दिया. कयास लगाया जा रहा है कि देर रात ही किसी समय तीनो की गोली मार कर हत्या कर दिया गया. जिसकी जानकारी सुबह होने पर लोगो को हुई.

क्या है विवाद का मुख्य कारण

मृतक के परिजनों ने बताया कि 54 बीघा सरकारी जमीन पर गांव के कुछ लोगों का कब्जा है। उसी जमीन में एक बीघे पर होरीलाल का भी कब्जा था। वहीं, होरीलाल के पड़ोसी भी इसी जमीन पर अपना कब्जा बता रहे थे। इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में झगड़ा था। गुरुवार को होरीलाल ने इस मामले में क्षेत्रीय सांसद विनोद सोनकर से मुलाकात की थी। सांसद ने होरीलाल को कब्जा दिलवाने का आश्वासन भी दिया था। इसी बात को लेकर पड़ोसी से गुरुवार शाम को विवाद भी हुआ था। इसके बाद रात में यह वारदात हो गई। होरीलाल के पड़ोसी मौके से फरार हैं।

मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया है कि भूमि पर कब्जे के खिलाफ थाने से लेकर तहसील और जिलाधिकारी कार्यालय में कई बार प्रार्थना पत्र दिया, लेकिन अधिकारियों ने सुनवाई नहीं की। अगर अधिकारियों ने मामले का निस्तारण कर दिया होता तो यह घटना नहीं होती। परिजनों ने तीन लोगों पर हत्या का आरोप लगाया है। पुलिस ने एक आरोपी को हिरासत में ले लिया है, जबकि फरार चल रहे दो लोगों की तलाश की जा रही है। पूरे गांव में पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया है। जिलाधिकारी ने भी जांच के लिए राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है। अधिकारी अब यह पता लगाने में जुटे हैं कि जिस जमीन को लेकर विवाद चल रहा था वह जमीन किसकी है और कौन कब्जा कर रहा था।

एडीजी प्रयागराज भानु भास्कर ने बताया कि प्रारंभिक जांच में भूमि विवाद में घटना को अंजाम दिए जाने की बात सामने आई है। मृतकों के परिजनों ने तीन आरोपियों के नाम बताए हैं। इनमें से एक को हिरासत में ले लिया गया है, दो को तलाशा जा रहा है। इस मामले में प्रशासन और पुलिस की ओर से अलग-अलग जांच के आदेश दिए गए हैं। एसपी कौशांबी की ओर से एडिशनल एसपी को इस पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है। कौशाम्बी डीएम ने भी एक जांच के आदेश दिए हैं, जिसमें यह पता लगाने के लिए निर्देशित किया गया है कि सरकारी जमीन को लेकर उपजे इस विवाद का मूल कारण क्या रहा और इसमें राजस्व से जुड़े अधिकारियों की क्या भूमिका रही।

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