तारिक़ खान
डेस्क: शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा है कि सरकार ने महिला आरक्षण बिल के नाम पर जुमला दिया है। इस तरह की शर्ते रखी गई हैं कि हमें इसके लिए लंबा इंतज़ार रखना होगा। समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, “सत्ता पक्ष हो या विपक्षी पार्टियां हम सभी इस ऐतिहासिक बिल का इंतज़ार कर रहे थे। उम्मीद यही थी कि नरेंद्र मोदी जी ने देश की महिलाओं के साथ जो वादा 2014 में किया था वो पूरा होगा।”
“बीजेपी के घोषणापत्र में भी था कि सरकार बनते ही महिला आरक्षण बिल पास करेंगे,आज साढ़े नौ साल बाद वो बिल लाया गया है। जो भी बिल क़ानून बनता है वो तत्काल प्रभाव से लागू किया जाता है। दुख इस बात का है कि जब बिल पेश हुआ तो उसमें एक शर्त रखी गई है, वो ये है कि बिल तो हम पास कर देंगे लेकिन ये लागू तब होगा जब परिसीमन हो जाएगा। परिसीमन को लेकर पहले ही दक्षिणी राज्यों की लड़ाई जारी है।”
“ये भी कहा गया है कि नए जनगणना के आंकड़ों पर लागू होगा, साल 2021 मों जो जनगणना होनी थी वो अब तक नहीं हुई है। तो आपने महिलाओं को जुमला दे दिया है। महिलाओं के लिए दरवाज़ा खोल दिया है और कहा जा रहा है कि दरवाज़े पर ही खड़े रहो, क्योंकि आप अंदर तब आ सकती हैं जब ये-ये शर्ते पूरी हो जाएं। ये जुमला है और दुखद है कि 30 साल से हम लड़ाई लड़ रहे हैं, जो हमें संवैधानिक रूप से मिलना चाहिए वो अधिकार हमें नहीं दिए जा रहे हैं।”
बताते चले मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं को आरक्षण देने वाला नारी शक्ति वंदन अधिनियम पेश किया। विपक्षी पार्टियों का कहना है इस बिल में जो शर्ते रखी गई हैं उसके आधार पर ये क़ानून लागू होने में सालों का समय लगेगा और 2024 चुनाव में इसका कोई फ़ायदा महिलाओं को नहीं मिलेगा।
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