Special

चाय पान के खोमचो पर बिकता ये नशीला उत्पाद, क्या सो रहा है आबकारी विभाग, आखिर कौन ज़िम्मेदार ?

तारिक़ आज़मी

वाराणसी: नशे के खिलाफ हमारी जंग जारी है। हम नशे के खिलाफ चलती इस अपनी सीरिज़ में अवैध रूप से मिलते नशीले पदार्थो से समाज को अवगत करवाते है, जिसके गिरफ्त में नवजवान पीढ़ी आकर खुद का और समाज का भविष्य ख़राब कर रही है। इसके पहले हमने शराब के बिक्री के सम्बन्ध में खबर का प्रकाशन किया जिसकी बिक्री पर लगाम लगी। इसके बाद हमने कोडिन सिरप के नशे से सम्बन्धित अपनी खबर का प्रकाशन किया था।

खबर प्रकाशन के बाद कोडिन के सप्लाई पर लगाम तो लगी ही साथ ही मंडुआडीह पुलिस ने इन नशे के कारोबारियों की कमर तोड़ते हुवे भारी मात्रा में कोडिन सिरप बरामद किया। इस मामले में तीन युवको को मंडुआडीह पुलिस ने गिरफ्तार किया साथ ही अन्य तस्करों को पूछताछ के आधार पर मुक़दमे में नामज़द किया। फिलहाल अन्य चार अभियुक्त फरार है और पुलिस उनकी गिरफ़्तारी के लिए लगातार प्रयासरत है।

आज हम आपको एक और नशे से सम्बन्धित पदार्थ के संबध में अवगत करवाते है। इस नशीले उत्पाद का नाम ‘भोलावटी मुनक्का है’। कथित रूप से प्रयागराज स्थित टीपी नगर में एस फार्मास्युटिकल द्वारा निर्मित इस उत्पाद को ड्रग लाइसेंस नम्बर A-3000/99/02/05 तथा एक्साइज लाइसेंस नम्बर FL-49/2019 सहित ट्रेड मार्क नम्बर 5077951 जारी है। वाराणसी के चाय पान की दुकानों पर आसानी से खुलेआम बिकने वाले इस नशीले उत्पाद में कंपनी के दावो को माने तो 15 फीसद शुद्ध विजया मिला है। अब इस ‘शुद्ध विजया’ का मायने आपको बताते चले कि आयुर्वेद की भाषा में ‘शुद्ध विजया’ भांग को कहते है।

यानि कि मतलब ये हुआ कि इस उत्पाद के अन्दर भाग की मात्रा है। मगर 3 रूपये का एक और 5 का 2 मिलने वाला ये उत्पाद चाय पान की दुकानों पर बनता है। शायद इसके घटक ऐसे होंगे कि चंद दिनों के लगातार सेवन से ही इसका इंसान लती हो जाता है। पैकेट पर इसके बड़ा सा ठप्पा लगा हुआ है ‘अयुर्वेदिक औषधि’ का। मिलता चाय पान के खोमचो पर है। अधिकतर यह गली मुहल्लों की दुकानों पर उपलब्ध है। हमने इसके सम्बन्ध में जानकारी हासिल करने के लिए काफी कोशिश किया। मगर हमारी स्थिति फ़ुटबाल मैदान के उस फ़ुटबाल के तरह थी जिसको सभी खिलाड़ी एक दुसरे को पास करते रहते है।

क्या कहते है ज़िम्मेदार

लगातार चार दिनों की मेहनत के बाद इस मामले में हमको जानकारी पुख्ता हासिल हुई। हमने जब इस सम्बन्ध में आबकारी कमिश्नर से बात किया तो उन्होंने डीईओ वाराणसी से बात करने की सलाह दिया। डीईओ वाराणसी ने कहा कि लाइसेंस हमारे तरफ से जारी नही है प्रयागराज से जारी है। तो वहा संपर्क करे, हमारे सवाल की ऐसे खुल्लम खुल्ला चाय पान की दुकानों पर यह कैसे उपलब्ध है तो उन्होंने कहा कि हम इसकी जाँच करवा लेंगे और देखवा लेंगे।

यही नही हमने फ़ूड इस्पेक्टर से बात किया तो ऐसे किसी उत्पाद के होने की उनको जानकारी ही नहीं थी। उन्होंने कहा कि मैं जांच करवा लेता हु और कही ऐसा उत्पाद दिखाई देता है तो उसनके ऊपर कार्यवाही करने को कहूँगा। फ़ुटबाल मैदान में मौजूद गेद की तरह हम फिर गिरते है जाकर डीईओ प्रयागराज के पाले में जहा से उचित जानकारी हमको हासिल होती है। उन्होंने बताया कि हमारे लाइसेंस नियमो के तहत लाईसेंस के तहत हम उतनी भांग उपलब्ध करवा देते है फिर वह उत्पाद में कितना मिला कर बेचते है यह उन्हें ऊपर निर्भर है। इस सम्बन्ध में उन्होंने हमको सलाह देते हुवे कहा कि जिला अयुर्वेद अधिकारी से आप संपर्क करे तो वह सही स्थिति बता सकते है।

बोले जिला आयुर्वेद अधिकारी ‘इस उत्पाद के बिक्री और सेवन न करने की दिया है सलाह

जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ सरोज शंकर राम ने हमसे फोन पर हुई बातचीत में कहा कि ऐसे उत्पादों को भांग वटी कहते है। इसके हानि और इसके लती होने की संभावनाओं को देखते हुवे हमने इसको न बेचने और न ही इस्तेमाल करने की सलाह दिया था। यदि ऐसा उत्पाद दुकानों पर बिकता है तो सरासर गैरकानूनी है। यदि पुलिस इसके ऊपर कोई कार्यवाही करती है तो हमारा पूरा सहयोग पुलिस प्रशासन को रहेगा।

कैसे होता है कारोबार ?

सूत्रों के माध्यम से मिली जानकारी के अनुसार भांग मिश्रित इस उत्पाद का खुद को पानदरीबा के कई दुकानदार एजेंसी होल्डर बताते है। पानदरीबा इलाके से इसकी जमकर सप्लाई होती है। सप्लाई चेन की ऐसी स्थिति है कि हर एक दुकानों पर इसकी 100-200 पैकेट मिल जाएगी। छोटे दुकानदार इसको यहाँ से 35 रूपये की एक पैकेट लेकर जाते है जिसमे 40 अदद रहता है। इसकी बिक्री में बड़ा मुनाफा भी दुकानदारों को है। 3 रूपये का एक और 5 का दो इसकी बिक्री होती है। यानी 35 रुपया लगा कर पुरे 100 रूपये की बिक्री।

याने लागत से दुगने फायदे के लालच में दूकानदार नवजवानों को नशे के गर्त में झोके पड़े है। आबकारी विभाग और फ़ूड विभाग के कर्मियों और अधिकारियो से इससे मतलब नही कि किस नाम पर क्या उत्पाद बिक रहा है और क्या हो रहा है। सारा आरोप पुलिस के मत्थे मढने वालों को भी इस बारे में सोचना चाहिए कि आखिर कब तक सिर्फ आरोप पुलिस के ही मत्थे रहेगा? आबकारी और खाद्य विभाग की अपनी जिम्मेदारियों को कब विभाग पूरी करेगा?

pnn24.in

Recent Posts

मुडा के दफ्तर और सिद्धरमैया के साले को ज़मीन बेचने वाले शख्स के यहाँ ईडी की छापेमारी, सामाजिक कार्यकर्ता की शिकायत पर ईडी ने किया कार्यवाही

आदिल अहमद डेस्क: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मूडा) के…

4 hours ago

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा ‘कनाडा सरकार से विश्नोई गैंग या अन्य गैंग के अपराधी सदस्यों के प्रत्यर्पण की किया है मांग’

आफताब फारुकी डेस्क: भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बिश्नोई गैंग के सदस्यों…

1 day ago

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा ‘कनाडा भारत पर गंभीर आरोप लगा रहा है, मगर सबूत नही दे रहा है’

मो0 कुमेल डेस्क: पिछले कुछ समय से भारत और कनाडा के बीच संबंध लगातार ख़राब…

1 day ago