शफी उस्मानी
डेस्क: भ्रष्टाचार का आरोप झेल रहे इसराइल के प्रधानमन्त्री बिन्यामिन नेतन्याहू और विपक्ष के नेता बेन्नी बेन्नी गंट्ज़ के बीच आपसी सहमती बन गई है और दरमियान जंग आपात सरकार के गठन की बात भी मुकम्मल हो गई है। इस आपात सरकार के गठन में किसी भी बिल या सरकारी फैसलों को अब तरजीह नही दिया जायेगा।
इसका मतलब ये है कि युद्ध अवधि के दौरान ‘किसी भी बिल या सरकारी फ़ैसलों को तरजीह नहीं दी जाएगी जिसका संबंध युद्ध से न हो। सभी शीर्ष नियुक्तियों की अवधि इस दौरान खुद ब खुद आगे बढ़ जाएगी। इस प्रकार जब तक युद्ध चल रहा है ये आपात सरकार कार्यकाल में रहेगी। जिसमे तीन अहम पद होंगे जिसमे प्रधानमंत्री नेतन्याहू, विपक्षी नेता बेन्नी गंट्ज़ और रक्षा मंत्री रहेगे। इसको युद्ध मंत्रिमंडल का नाम दिया जायेगा।
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