International

हमास-इसराइल संघर्ष के पुरे इलाकों को अपनी ज़द में लेने की आशंका से चिंतित है विशेषज्ञ, जाने क्या है हालात

तारिक़ आज़मी

डेस्क: इसराइल और हमास के बीच जारी संघर्ष के और भी व्यापक स्तर पर फ़ैल जाने की आशंका से विश्व चिंतित है। यह एक ऐसा युद्ध है जो मध्य पूर्व को अपने गिरफ्त में ले सकता है। संघर्ष के बीच कई और मोर्चे खुल सकने की चिंता विशेषज्ञों द्वारा जताया जा रहा है। एक तरफ लेबनान तो दूसरी तरफ सीरिया में मोर्चा खुलने की आशंका बलवती होती जा रही है।

वही इजराइल अभी भी हवाई हमलो पर ही निर्भर है और ज़मीनी कार्यवाही शुरू नही कर रहा है। दूसरी तरफ यूनाइटेड प्रेस को दिले अपने बयान में हमास ने दावा किया है कि उसके 35 हजार लड़ाके इसराइली ज़मीनी हमले का इंतज़ार कर रहे है। ये बात ख़ास तौर पर तब और भी गौरतलब हो जाती है कि इसराइली फ़ौज जब पिछले दिनों अपनी सरहद पर टूटी बाढ़ दुरुस्त करने के लिए सरहद के उस पार गये तो हमास ने उनके ऊपर हमला कर दिया था, जिससे उनको वापस अपनी सरहद में जाना पड़ा था।

बीबीसी ने अपने लेबनान के संवाददाता ह्यूगो बाशेगा की रिपोर्ट के आधार पर लिखा है कि दक्षिणी लेबनान से हिज़बुल्लाह इसराइल पर हमले कर रहा है और इसराइल इसका जवाब दे रहा है। हालांकि अभी तक दोनों ओर से गोलाबारी सीमित है लेकिन लोगों को 2006 में इसराइल और हिज़बुल्लाह के बीच हुआ विनाशकारी युद्ध अभी भूला नहीं है। एक्सपर्ट आशंका जाहिर कर रहे हैं कि कहीं और से भी संघर्ष भड़क सकता है क्योंकि ईरान एक्सिस ऑफ़ रेज़िस्टेंस (प्रतिरोध की धुरी) का समर्थक है। इसमें हमास, हिज़बुल्लाह और इस्लामी जिहाद और फ़लस्तीनी समर्थक धड़े शामिल हैं।

हिज़बुल्लाह के अलावा सीरिया, इराक़ और यमन के कुछ ग्रुपों को अमेरिका और ब्रिटेन आतंकी संगठन मानते हैं। सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद ईरान के सहयोगी हैं। हाल के दिनों में इराक और सीरिया में अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाते हुए कई हमले किए गए हैं, जबकि यमन से इसराइल की ओर मिसाइल और ड्रोन दागे गए हैं, जिन्हें पिछले हफ़्ते अमेरिकी नेवी ने इंटरसेप्ट किया।

हालांकि लेबनान और इसराइल के बॉर्डर के हालात पर सबकी नज़र टिकी हुई है। इसी बीच पूरे पश्चिमी एशिया में ख़तरे बढ़ते जा रहे हैं। मंगलवार को ही सीरिया में इसराइली हवाई हमले में आठ सैनिक मारे गए हैं। इसराइल का कहना है कि उसने सैन्य ठिकाने को निशाना बनाया गया है क्योंकि वहां से रॉकेट दागे गए थे। वही समाचार एजेंसियों से मिल रही जानकारी के अनुसार ख़ान यूनिस में स्थित दक्षिण ग़ज़ा के प्रमुख नासर अस्पताल में जीवन रक्षक इलाज़ के ठप्प होने की नौबत आ गई है।

अस्पताल का कहना है कि ईंधन की कमी के कारण उन्हें जल्द ही जीवन रक्षक इलाज को रोकना पड़ेगा। यहां खून और जीवन रक्षण उपकरण समाप्त हो गए हैं। लोग सिर्फ इसराइली हवाई हमले में ही नहीं मारे जा रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, क़रीब 10 लाख लोग विस्थापित हुए हैं जोक ग़ज़ा की कुल आबादी के करीब आधे हैं।

pnn24.in

Recent Posts

नए लेबर यूनियन की मान्यता हेतु सैमसंग के 1500 कर्मचारियों का जारी है 11 दिनों से विरोध प्रदर्शन

तारिक खान डेस्क: तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में पिछले 11 दिनों से ‘सैमसंग’ के लगभग…

12 hours ago

ज़मीनी विवाद के कारण दलित बस्ती में लगाया दबंगों ने आग, आधिकारिक पुष्टि कि 21 घर जलकर हुवे ख़ाक, मीडिया रिपोर्ट्स में दावा 80 घर जले

माही अंसारी डेस्क: बिहार में नवादा ज़िले के मुफ़स्सिल थाना क्षेत्र के कृष्णानगर में एक…

13 hours ago

बुलेट से बैलट की तरफ बढ़ा जम्मू कश्मीर, हुआ प्रथम चरण में रिकॉर्ड तोड़ मतदान

आदिल अहमद डेस्क: बुधवार को जम्मू-कश्मीर में पहले चरण का मतदान हुआ। इस दौरान लोग…

13 hours ago

लेबनान: वाकी टाकी और पेजर धमाको में मृतकों की संख्या बढ़कर हुई 32, जारी है घायलों का इलाज

आफताब फारुकी डेस्क: लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि 18 सितंबर को हुए…

13 hours ago

लेबनान में फिर पेजर ब्लास्ट, 3 की मौत कई घायल

आफताब फारुकी डेस्क: लेबनान में पेजर ब्लास्ट के एक दिन बाद बेरूत के नज़दीक फिर…

1 day ago