शाहीन बनारसी
डेस्क: इस वर्ष के नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा हो गई है। इस बार नोबेल शांति अवार्ड ईरान की जेल में कैद मानवाधिकार कार्यकर्ती नर्गिस मुहम्मदी को देने का एलान नोबेल कमेटी ने किया है। नर्गिस इरान की जेल में कैद है और वह औरतो के हक और हुकूक के खातिर लगातार आवाज़े उठाती रही है।
अगर विश्व की टॉप 20 प्रभावशाली महिलाओं की बात करे तो नर्गिस मुहम्मदी इनमे शामिल होंगी। मानवाधिकार के क्षेत्र में किए कामों के लिए 51 साल की नरगिस को 2011 के बाद से कई बार जेल हुई है। नरगिस को ये पुरस्कार ईरान में औरतों के हक और मानवाधिकार की रक्षा को लेकर किए कामों के चलते दिया गया है।
ओस्लो में नॉर्वेजियन नोबेल कमेटी की प्रमुख बेरिट रीस-एंडर्सन ने कहा है कि ‘ईरानी सरकार ने उन्हें 13 बार गिरफ़्तार किया, पांच बार दोषी ठहराया गया और 31 साल जेल की सज़ा सुनाई गई। अभी भी वो जेल में हैं।’ नरगिस मोहम्मदी को शांति पुरस्कार देने का नोबेल कमेटी का ये फैसला देश में महिलाओं के शुरू किए गए आज़ादी के आंदोलनों के एक साल बाद आया है।
बताते चले कि बीते साल सितम्बर 2022 में 22 साल की महशा अमीनी की मॉरल पुलिस की हिरासत में मौत के बाद ये आंदोलन शुरू हुए थे। जल्द ही पूरे देश में व्यापक विरोध प्रदर्शन फैल गए और औरतों की आज़ादी से लेकर सत्ता पलटने तक की मांग सामने आई। महिलाओं ने सार्वजनिक रूप से बाल कटवाए और हेड स्कार्फ़ की होली जलाई। प्रदर्शनकारियों ने “महिलाएं, ज़िंदगी, आज़ादी” के नारे लगाए।
इस साल किसे किस क्षेत्र में मिला नोबेल पुरस्कार?
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