तारिक खान
डेस्क: इसराइल हमास संघर्ष के बीच एक तरफ़ा रिपोर्टिंग समाज में देखने को मिल रही है। खुद के दुनिया में नम्बर वन होने का दावा करने वाला बीबीसी भी शायद इससे अछुता नही रहा है। कल सोमवार को ब्रिटेन में बीबीसी दफ्तर के बाहर हुवे प्रो फलिस्तीनी प्रदर्शन ने तो ऐसे ही आरोप लगाये। इस प्रदर्शन के बाद बीबीसी को अपनी एक खबर को भ्रमक स्वीकार करते हुवे माफ़ी मांगना पड़ा है।
उन्होंने लिखा है कि ‘इससे पहले हमने सप्ताहांत में कुछ फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनों पर रिपोर्ट की थी। हमने पूरे ब्रिटेन में कई प्रदर्शनों के बारे में बात की, जिसके दौरान लोगों ने हमास के समर्थन में आवाज उठाई। हम स्वीकार करते हैं कि इसे ख़राब ढंग से प्रस्तुत किया गया था और यह प्रदर्शनों का भ्रामक वर्णन था।”
बताते चले कि दुनिया भर में प्रदर्शनकारी फिलिस्तीन के समर्थन में और गाजा पर इजरायल की बमबारी को रोकने की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं। सप्ताहांत में ब्रिटेन के विभिन्न शहरों में हजारों लोगों ने भाग लिया। वह सभी लोग फलिस्तीन की स्वायत्ता की मांग करते हुवे इजराइल द्वारा गज़ा पर हमले की निंदा कर रहे थे और हमले तत्काल रोकने की मांग कर रहे है। ऐसा ही एक प्रदर्शन ब्रिटेन में हुआ था, जिसको बीबीसी ने अपनी खबर में हमास का समर्थन करने वाला प्रदर्शन बताया था।
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