तारिक़ आज़मी
डेस्क: इजराइल पर फलिस्तीनी सशस्त्र संगठन ‘हमाज़’ द्वारा हमले के बाद से जवाबी कार्यवाही दोनों तरफ से जारी है। इजराइल का दावा है कि उसने ‘हमाज़’ के कई ठिकाने उड़ा दिए है और कई बड़े नेतृत्वकर्ताओं को मारा है। वही हमाज़ के दावो को आधार माने तो उसके लड़के इजराइल में अभी भी मौजूद है और जमकर लोहा ले रहे है। वही इसराइल के एक सरहद पर लेबनान के सशस्त्र संगठन ‘हिजबुल्लाह’ ने भी हमला बोल दिया है।
इस दरमियान टर्की ने अमेरिका को चेताया है कि वह इस लड़ाई से दूर ही रहे। टर्की ने अपने बयान में कहा है कि अमेरिका फलिस्तीन की आज़ादी हेतु हो रही इस लड़ाई से खुद की दुरी बनाये रखे। दूसरी तरफ ईरान के शीर्ष नेता खेमेनाइ ने साफ़ साफ़ हमाज़ का समर्थन किया है। मगर हमाज़ के इजराइल पर किये गए हमले में खुद का हाथ होने से साफ़ साफ़ इंकार किया है।
ईरान ने इज़राइल के भीतर हमास द्वारा किए गए अभूतपूर्व हमलों में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है। संयुक्त राष्ट्र में ईरान के मिशन ने एक बयान में कहा है कि ‘हम दृढ़तापूर्वक फिलिस्तीन के समर्थन में खड़े हैं, हालांकि, हम फिलिस्तीन की प्रतिक्रिया में शामिल नहीं हैं क्योंकि यह पूरी तरह से फिलिस्तीन द्वारा ही लिया गया है।‘ बयान में कहा गया, “फिलिस्तीन द्वारा उठाए गए दृढ़ कदम सात दशकों के दमनकारी कब्जे और नाजायज ज़ायोनी शासन द्वारा किए गए जघन्य अपराधों के खिलाफ पूरी तरह से वैध बचाव हैं।”
इस बीच इज़राइल और हमास के बीच युद्ध पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक आपातकालीन सत्र बंद दरवाजों के पीछे बुलाया था। बंद दरवाजों के पीछे हुई इस बैठक में कोई भी सर्वसम्मति से रास्ता नही निकल पाया है। यह बैठक संयुक्त बयान जारी करने के लिए आवश्यक सर्वसम्मति हासिल करने में विफल रही। अमेरिका ने परिषद के 15 सदस्यों से हमास की कड़ी निंदा करने का आह्वान किया, लेकिन राजनयिकों ने कहा कि रूस के नेतृत्व वाले सदस्य फिलिस्तीनी सशस्त्र समूह की निंदा करने के बजाय व्यापक फोकस की उम्मीद कर रहे थे।
वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक रॉबर्ट वुड ने सत्र के बाद संवाददाताओं से कहा ‘ऐसे कई देश हैं जिन्होंने हमास के हमलों की निंदा की है। वे स्पष्ट रूप से सभी नहीं हैं।‘ परिषद ने लगभग 90 मिनट तक बैठक की और संयुक्त राष्ट्र मध्य पूर्व शांति दूत टोर वेन्नेसलैंड की ब्रीफिंग सुनी। वुड ने रूस के संदर्भ में कहा, ‘आप शायद मेरे कुछ कहे बिना उनमें से एक का पता लगा सकते हैं, जिसके यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से पश्चिम के साथ संबंध तेजी से खराब हो गए हैं।‘ संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत वासिली नेबेंज़िया ने कहा, ‘मेरा संदेश तुरंत लड़ाई बंद करने और युद्धविराम और सार्थक बातचीत करने का था, जैसा कि सुरक्षा परिषद ने दशकों से कहा था।‘
बैठक में यूएई के राजदूत लाना जकी नुसेबीह ने कहा, ‘मुझे लगता है कि हर कोई समझता है कि आज स्थिति गंभीर चिंता का विषय है।‘ उन्होंने कहा, ‘काउंसिल के कई सदस्यों का मानना है कि दो-राज्य समाधान की ओर ले जाने वाला राजनीतिक क्षितिज ही अंततः इस संघर्ष को हल करने का एकमात्र तरीका है।‘ न तो इज़राइल और न ही वेस्ट बैंक स्थित और हमास के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी फिलिस्तीनी प्राधिकरण (पीए) ने बैठक में भाग लिया क्योंकि वे वर्तमान में सुरक्षा परिषद में हैं।
फ़िलिस्तीनी राजदूत रियाद मंसूर ने राजनयिकों से इज़रायली कब्ज़ा ख़त्म करने पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘अफसोस की बात है कि कुछ मीडिया और राजनेताओं के लिए इतिहास तब शुरू होता है जब इजरायली मारे जाते हैं।‘ उन्होंने कहा कि ‘यह इजराइल को अपने भयानक विकल्पों को दोगुना करने देने का समय नहीं है। यह इज़राइल को यह बताने का समय है कि उसे अपना रास्ता बदलने की ज़रूरत है, कि शांति का एक रास्ता है जहाँ न तो फ़िलिस्तीनी मारे जाएँ और न ही इज़राइली।‘
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