शाहीन बनारसी
डेस्क: मिस्र की राजधानी काहिरा में इसराइल ग़ज़ा युद्ध को ख़त्म कराने के लिए हो रहे शांति सम्मेलन में फ़लस्तीनी प्राधिकरण के प्रेसिडेंट महमूद अब्बास ने कहा, ‘हम अपनी ज़मीन नहीं छोड़ेंगे। हम ग़ज़ा छोड़ कर कहीं और विस्थापित किए जाने को स्वीकार नहीं करेंगे। हम अपनी ज़मीन पर ही रहेंगे, चाहे जिस चुनौती का सामना करना पड़े।’
शांति के लिए बुलाए गए इस सम्मेलन में ज़ॉर्डन, क़तर, इटली, स्पेन, यूरोपीय संघ और ब्रिटेन के प्रतिनिधि शामिल हैं। लेकिन इसमें अमेरिका, इसराइल और ईरान शामिल नहीं हैं। इस सम्मेलन में मिस्र, जॉर्डन और फ़लस्तीनी प्राधिकारण ने ग़ज़ा में नागरिकों को सामूहिक सज़ा देने के लिए इसराइल की निंदा की है।
जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला ने कहा कि हाल के हफ़्तों में जो खून खराबा देखने को मिल रहा है वो फ़लस्तीनियों और इसराइलियों के बीच राजनीतिक प्रक्रिया के दशकों तक असफल रहने का नतीजा है। फ़लस्तीनी अधिकारियों का कहना है कि पिछले दो हफ़्ते से जारी इसराइली बमबारी में अबत क मारे जाने वालों की संख्या 4,000 से अधिक हो गई है। इस शांति सम्मेलन में 20 देशों के नेता और विदेश मंत्री शिरकत कर रहे हैं।
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