तारिक़ खान
डेस्क: कतर में गिरफ्तार हुए आठ भारतीय नेवी के रिटायर्ड अधिकारियों को हाल ही में फांसी की सजा सुनाई गई। इस मामले में भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने प्रतिक्रिया दी है। समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कानूनी प्रक्रिया अपनाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है, जिससे हमारे लोगों को राहत मिल सके।
ये आठ भारतीय नेवी के रिटायर्ड अधिकारी, पिछले साल सितंबर से ही क़तर की जेल में हैं। क़तर ने उन पर लगे आरोपों को सार्वजनिक नहीं किया है। वही सोमवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हिरासत में लिए गए आठ भारतीयों के परिवारों से मुलाकात की है।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार इस मामले को बेहद अहमियत के साथ देख रही है और सरकार, इस मुश्किल समय में परिवारों के साथ है। जयशंकर ने कहा, ”सरकार इन नागरिकों की सुरक्षित रिहाई के लिए लगातार कोशिश करती रहेगी। इस बारे में परिवारों के साथ हम संपर्क बनाए रखेंगे।”
दरअसल, सितंबर 2022 में क़तर सरकार ने 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों को गिरफ़्तार किया था। मार्च में इन पर जासूसी के आरोप तय किए गए थे। गिरफ़्तार किए गए आठ भारतीय नागरिक नौसेना के पूर्व अधिकारी हैं और क़तर की ज़ाहिरा अल आलमी नाम की कंपनी में काम करते थे।
ये कंपनी सबमरीन प्रोग्राम में क़तर की नौसेना के लिए काम कर रही थी। इस प्रोग्राम का मक़सद रडार से बचने वाले हाईटेक इतालवी तकनीक पर आधारित सबमरीन हासिल करना था। कंपनी में 75 भारतीय नागरिक कर्मचारी थे। इनमें से अधिकांश भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी थे। मई में कंपनी ने कहा था कि वो 31 मई 2022 से कंपनी बंद करने जा रही है।
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