प्रमोद कुमार
डेस्क: शनि अमावस्या इस बार 14 अक्टूबर दिन शनिवार को है और यह साल का अंतिम शनिश्चरी अमावस्या है। अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या शनिवार के दिन पड़ने के कारण इसे शनि अमावस्या या शनिश्चरी अमावस्या भी कहा जाता है। इस दिन किस्मत को बदलने वाले कई शुभ योग भी बन रहे हैं। ऐसे में लोगों को शनिदेव से जुड़े कुछ सरल उपायों को फॉलो करना चाहिए। इन उपायों को करने से शनिदेव की कृपा होती है और दुखों का नाश होता है। इसके साथ ही शनिदोष से भी मुक्ति मिलती है।
इसके अलावा जीवन में आर्थिक संपन्नता भी बनी रहेगी। आइए ज्योतिषाचार्य बापुनंदन मिश्र से जानते हैं शनिश्चरी अमावस्या के दिन किन उपायों को करने से न्याय के देवता प्रसन्न होते हैं। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, शनिश्चरी अमावस्या के दिन काली गाय की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है। हालांकि, ये ध्यान रखें कि काली गाय पर कोई कोई दूसरा निशान ना हो। पूजा के लिए काली गाय को 8 बूंदी के लड्डू खिलाएं। इसके बाद उसकी 7 बार परिक्रमा करें। जब परिक्रमा पूर्ण हो जाए तब गाय की पूंछ से अपने सिर पर 8 बार झाड़ा लगाएं। इस उपाय को करने से शनिदेव की कृपा होती है। साथ ही सौभाग्य की प्राप्ति होती है और जीवन के कष्ट मिटते हैं।
शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिश्चरी अमावस्या पर नारियल से जुड़ा उपाय जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से शनिदोष से मुक्ति मिलती है। इस टोटको करने के लिए आप पानी वाले 11 नारियल, 400-400 ग्राम काले-सफेद तिल्ल, नौ कीलें, आठ मुट्ठी जौ, आठ मुट्ठी काले चने और आठ मुट्ठी कोयला लें। इसके बाद इन सभी चीजों को काले कपड़े में बांधकर सायंकाल में नदी के किनारे पूर्व दिशा की ओर मुख करके अपने ऊपर से 7 बार सिर से लेकर पैर तक घुमा लें। फिर एक-एक करके प्रवाहित कर दें। आप इसको शनिदेव के मंदिर में भी रख सकते हैं।
शनि अमावस्या पर काली उड़द की दाल का उपाय करने से जीवन में समृद्धि आती है। इस उपाय को एक दिन पहले यानी शुक्रवार की रात को करना है। इस दिन सवा पाव काली उड़द की दाल को काले कपड़े में बांधकर सिर के पास रखकर सोना है। हालांकि, यह ध्यान रखें कि उस दिन अपने पास किसी को ना सोए। इसके बाद शनिवार को शनि मंदिर में उस पोटली को रख दें। इसके बाद सायंकाल के समय काले सुरमे की शीशी को सिर लेकर पैर तक 9 बार किसी से उतरवा लें और फिर उसको किसी सुनसान जगह पर जमीन में दबा दें। ऐसा करने से शनि ढैय्या व साढ़ेसाती का अशुभ प्रभाव कम होता है।
शनिदेव को प्रसन्न करके उनके कृपा पाने के लिए शनि अमावस्या पर कुछ उपाय बेहद जरूरी है। इसके लिए शनि अमावस्या पर नवग्रह मंदिर में जाकर शनिदेव की पूजा-आराधना करनी होगी। पूजा-अर्चना करने के बाद शनि चालीसा या दशरथ कृत शनि स्तोत्र का पाठ करें और शनि मंत्रों का भी जप करें। इसके तत्पश्चात शनिदेव पर काले तिल, तेल और नीले रंग के फूल अर्पित करें। ऐसा करने से जीवन में उन्नति होगी, शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त होगा। साथ ही शनिदोष से मुक्ति मिलेगी।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, शनि अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा बेहद फलदायी मानी जाती है। इस उपाय को करने के लिए इस दिन सुबह पीपल की जड़ में दूध और जल अर्पित करें। इसके बाद पीपल के 5 पत्तों को लेकर उसमें पांच मिठाई रख देंगे और फिर घी का दीपक जलाकर 7 बार परिक्रमा करेंगे। इसके अलावा, इस दिन का पीपल का पेड़ भी लगाया जा सकता है। इसके लिए आप रविवार का दिन छोड़कर हर रोज जल दें। ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न हो जाएंगे, जिससे सोई किस्मत जाग जाएगी।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। PNN24 इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है।
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