मो0 कुमेल
डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में ईडी को निर्देश दिया है कि वो अभियुक्त को गिरफ़्तार करते समय लिखित में गिरफ़्तारी की वजह बताएं। मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में रियल एस्टेट ग्रुप एम3एम के डायरेक्टर्स पंकज बंसल और बसंत बंसल की गिरफ़्तारी रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ये निर्देश दिया।
जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस संजय कुमार की एक पीठ ने कहा, “हम इसे अनिवार्य बना रहे हैं और बिना किसी अपवाद के अभियुक्त को गिरफ़्तार करने के दौरान उसके पीछे की वजहें लिखित में दें।” कोर्ट ने ये संज्ञान में लिया कि बंसल को 14 जून को पूछताछ के लिए बुलाया गया था और उसी दिन किसी दूसरे मामले में उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया।
इस गिरफ़्तारी को गैरकानूनी घोषित करते हुए अभियुक्तों को तत्काल छोड़ने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि काम करने का ईडी का ये रवैया सही नहीं है। बेंच ने कहा कि ईडी को पारदर्शी होना चाहिए और पारदर्शिता के नियमों का पालन करते हुए जाचं करनी चाहिए न कि ‘विंडिक्टिव (बदला लेने वाला) होना चाहिए।
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