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सिक्किम में फ्लैश फ्लड से हुई भारी तबाही की इन तस्वीरो से दिल दहल जायेगा, 103 लोगो की अभी भी तलाश जारी, मिल चुके है 25 शव

तारिक़ आज़मी

डेस्क:  सिक्किम में फ्लैश फ्लड से हुई भारी तबाही की तस्वीरे अब सामने आने लगी है। इन तस्वीरो को देख कर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि तबाही किस हद तक हुई है। कुदरत ने किस हद तक यहाँ कहर नाजिल कर दिया है। इस दरमियान सेना युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य में लगी हुई है, लेकिन मौसम खराब होने के चलते राहत कार्य में बाधा आ रही है।

कुदरत के इस कहर में अभी तक 25 शव मिले हैं जिनमें सात सेना के जवान हैं। अभी भी 103 लोगों की तलाश जारी है। बुधवार तड़के जब झील फटने से तीस्ता नदी में बाढ़ आई थी तो सेना के 23 जवान लापता हुए थे, जिनमें एक जवान को बचा लिया गया था। चुंगथांग में 1200 मेगावाट बिजली बनाने के लिए एक बांध बना हुआ है जिसके टूटने से आपदा और भीषण हुई है।

बताते चले कि तीस्ता नदी सिक्किम से निकलकर पश्चिम बंगाल होते हुए बांग्लादेश में जाती है। इसमें आई बाढ़ से इसके किनारे बसे लोगों बड़े पैमाने पर प्रभावित हुए हैं। उत्तरी सिक्किम की सड़कें टूट गई हैं जिससे अभी तक प्रभावितों तक राहत और बचाव टीम पहुंच भी नहीं पाई है।  सिक्किम के चीफ सेकेट्री विजय भूषण पाठक ने अपने बयान में कहा है कि ‘निचले इलाक़ों में राहत और बचाव कार्य सुचारू रूप से चल रहा है लेकिन चुंगतांग, लाचुक और लाचिन जैसे इलाकों में हमें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मौसम खराब होने की वजह से सेना और एनडीआरएफ़ के हेलीकॉप्टर उतर नहीं पा रहे हैं। चुंगथांग में राहत और बचाव टीम शुक्रवार को पहुंच गई है और राहत कार्य शुरू हो गया है।

नुकसान के बारे में उन्होंने बताया कि ‘अभी अनुमान लगाना मुश्किल है। केंद्र सरकार ने नुकसान का आंकलन करने की एक मंत्रियों की एक कमेटी गठित कर दी है, जो अगले कुछ दिनों में स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर नुकसान का एक आंकलन बनाएगी। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार नुकसान बहुत अधिक हुआ है।’ बाढ़ की वजह से सिक्किम में फंसे पर्यटकों के बारे में उन्होंने कहा है कि ‘गैंगटोक जैसे इलाकों में पर्यटको को कोई मुश्किल नहीं है क्योंकि कलिम्पोंग और दार्जिलिंग को जाने वाले रास्तों से उन्हें बाहर निकाला जा रहा है। लेकिन लाचुंग और लाचिन जगहों पर करीब तीन हज़ार पर्यटक फंसे हुए हैं। यहां मौजूद 27 माउंटेन डिवीज़न आर्मी और स्थानीय प्रशासन से पता चला है कि ये सभी लोग सुरक्षित हैं और सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं।’

उन्होंने कहा है कि ‘इंटरनेट चालू है जिससे लोगों के परिजनों को उनके सकुशल होने की सूचना दे दी गई है। सेना और एयर फ़ोर्स के हेलीकॉप्टर तैयार हैं और उम्मीद है कि कल सुबह जैसे ही मौसम साफ़ हो जाएगा, राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इन सभी पर्यटकों को अगले तीन चार दिनों में सुरक्षित तरीके से निकाल लिया जाएगा।’

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