Religion

आज है पितृ पक्ष का एकादशी श्राद्ध, जानें समय, पूजा विधि और महत्व

अनुराग पाण्डेय

डेस्क: पितृ पक्ष चल रहे है और इस क्रम में आश्विन मास की एकादशी पर आज एकादशी श्राद्ध किया जाएगा। एकादशी श्राद्ध करने के लिए सबसे शुभ मुहूर्त कुतुप और रौहिण होते हैं जो कि अक्सर दोपहर से समय रहता है। पितृ पक्ष में एकादशी का श्राद्ध का बड़ा महत्व है। सनातन परंपरा में एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है। ऐसे में इस दिन किया गया तर्पण कार्य पितरों को संतुष्टि प्रदान करने वाले होते हैं।

पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष का श्राद्ध इन्दिरा एकादशी श्राद्ध से जाना जाता है। इंदिरा एकादशी श्राद्ध उन लोगों के लिए तो होता ही है जिनकी एकादशी तिथि का समय श्राद्ध के लिए होता है इसके साथ ही सामान्य रुप से भी इस दिन अपने पितरों को याद करना शुभ होता है। आइए जानते हैं एकादशी श्राद्ध के लिए शुभ समय, तर्पण विधि और महत्व।

एकादशी श्राद्ध शुभ मुहूर्त

एकादशी श्राद्ध सोमवार, अक्टूबर 9, 2023 को

कुतुप मूहूर्त – 12:02 पी एम से 12:49 पी एम

अवधि – 00 घण्टे 47 मिनट्स

रौहिण मूहूर्त – 12:49 पी एम से 01:37 पी एम

अवधि – 00 घण्टे 47 मिनट्स

अपराह्न काल – 01:37 पी एम से 03:59 पी एम

अवधि – 02 घण्टे 22 मिनट्स

एकादशी तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 09, 2023 को 12:36 पी एम बजे

एकादशी तिथि समाप्त – अक्टूबर 10, 2023 को 03:08 पी एम बजे

एकादशी श्राद्ध पूजा-विधि

श्राद्ध कर्म में पिंडदान, तर्पण को योग्य विद्वान ब्राह्मण के माध्यम से ही किया जाना चाहिए। श्राद्ध कर्म में ब्राह्मणों को पूरी भक्ति के साथ दान दिया जाता है। साथ ही गरीब, जरूरतमंदों को दान करना भी उत्तम माना गया है। इसके अलावा एकादशी श्राद्ध में भोजन का एक भाग पशु-पक्षियों जैसे- गाय, कुत्ते, कौए आदि के लिए अवश्य रखना चाहिए।

श्राद्ध कर्म के कार्य को पवित्र नदियों एवं धर्म स्थानों में करना भी शुभ होता है इसके लिए गंगा नदी के तट पर करना काफी प्रभावी होता है। अगर यह संभव नहीं है तो इसे घर पर भी किया जा सकता है। श्राद्ध के दिन ब्राह्मणों को भोज करना चाहिए। भोजन के बाद दान देकर उन्हें संतुष्ट करें। श्राद्ध पूजा दोपहर में शुरू करनी चाहिए।

एकादशी श्राद्ध के दिन श्राद्ध और तर्पण के साथ पिंडदान करना चाहिए। हिंदू धर्म में एकादशी के व्रत का विशेष महत्व है। अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को इन्दिरा एकादशी श्राद्ध कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। पितृ पक्ष में पड़ने के कारण इस एकादशी का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पिंडदान और तर्पण आदि करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

Banarasi

Recent Posts

यूपी में यहां से मात्र चार घंटे के सफर और फिर बर्फ ही बर्फ,आप भी पहुंचकर लीजिए इसका आनंद

फारुख हुसैन लखीमपुर खीरी: सर्दी का मौसम शुरू होते ही आप बर्फबारी का मजा लेने…

1 hour ago

तेज़ रफ़्तार की बाइक बनी जड़, दो गुटों में जमकर चले ईंट पत्थर, लहराई गई तलवारे

तारिक खान डेस्क: भोपाल में कल मंगलवार (24 दिसंबर) को दो गुटों के बीच बाइक…

2 hours ago

यूपी: प्रदेश में आज से करवट लेगा मौसम, इन जिलों में बारिश के आसार, क्रिसमस के बाद का जारी हुआ अलर्ट

रेहान सिद्दीकी डेस्क: यूपी में मौसम आज से करवट लेने जा रहा है। तेज धूप…

4 hours ago

बिशप हाउस में क्रिसमस मिलन संपन्न, बोले लियोपोस्दो जिरोली ‘सभी धर्म का उद्देश्य विश्व मानवता का कल्याण एवं आशा का संदेश देना है’

सबा अंसारी वाराणसी: आज वैज्ञानिक सुविधाओं से संपन्न मानव धरती से आगे बढ़कर दूसरे ग्रहों…

4 hours ago

छत्तीसगढ़: चावल चोरी के शक में दलित व्यक्ति की पीट पीट कर हत्या

ईदुल अमीन डेस्क: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में रविवार (22 दिसंबर) की सुबह चावल चोरी…

6 hours ago