मो0 कुमेल/मो0 शरीफ
डेस्क: तुर्की ने इसराइल-हमास के संघर्ष के बीच मध्यस्थता करने में भूमिका निभाने की बात एक बार फिर कही है, साथ ही तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने कहा कि इसराइल पर हमास के हमले के बाद इसराइल की गाजापट्टी की घेराबंदी और बमबारी ‘सामूहिक नरसंहार’ है। अर्दोआन और उनके विदेश मंत्री ने इस क्षेत्र के नेताओं, अमेरिका और अन्य से इस संबंध में बातचीत की है।
उन्होंने कहा कि ‘लोगों को उनकी बुनियादी ज़रूरतें भी पूरा नहीं करने देना और नागरिकों के घरों को निशाना बनाना युद्ध नहीं है बल्कि नरसंहार है।’ तुर्की पूर्व में भी फ़लस्तीन का समर्थन करता रहा है और हमास के सदस्यों की मेजबानी भी की है। लेकिन इसराइल के साथ इस बीच संबंधों को ठीक करने की कोशिशें भी हुई है। गौरतलब हो कि यूरोपीय यूनियन और अमेरिका की तरह तुर्की हमास को चरमपंथी संगठन नहीं मानता है।
अर्दोआन ने कहा कि हमास के हमले के बाद इसराइल ने ‘जिस पैमाने पर हमला किया’ वो किसी भी नैतिक आधार से परे’ है। बताते चले कि हमास के हमले में इसराइली सेना के मुताबिक, 1200 लोगों की मौत हुई है और 2700 से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं। वहीं, फ़लस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि चार दिन से गज़ा में इसराइल के हमलों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 1055 हो गई है और करीब 4500 लोग घायल हुए हैं।
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