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दुनिया के सबसे मजबूत सुरक्षा तंत्र और बड़ी शक्ति में शामिल इजराइल की सुरक्षा को ताश के पत्तो की तरह धाराशाही कर देने वाला फलिस्तीन का सशस्त्र संगठन ‘हमास’ कब हुआ स्थापित और क्या है इसका इतिहास

शाहीन बनारसी

डेस्क: इज़रायली मीडिया की ताज़ा रिपोर्टों में कहा गया है कि इज़रायल में कम से कम 700 लोग मारे गए हैं। इस दरमियान हमाज़ और इसराइल के बीच संघर्ष जारी है। इजरायली सेना के द्वारा गाजापट्टी इलाको में हवाई हमले किये जा रहे है। दूसरी तरफ मिल रही जानकारी के अनुसार तालिबान ने इरान, ईराक और जार्डन से रास्ता माँगा है ताकि वह हमाज़ के तरफ से लड़ने के लिए गाजापट्टी जा सके। इस दरमियाना एक बड़ा सवाल है कि आखिर ये सशस्त्र संगठन ‘हमाज़’ क्या है और इसकी स्थापना कैसे हुई।

‘हमास’ एक सशस्त्र समूह है जो गाजा पट्टी को नियंत्रित करता है।  गाज़ा पट्टी लगभग 365 वर्गकिमी का क्षेत्र है, यहाँ 20 लाख से अधिक लोगों का घर है। इस पुरे इलाके को इज़राइल द्वारा अवरुद्ध किया गया है। फिलिस्तीनी प्राधिकरण और फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (पीएलओ) के प्रमुख, राष्ट्रपति महमूद अब्बास के प्रति यह संगठन वफादार है और 2007 से यह इस गाजापट्टी इलाके की सत्ता में है।

हमास की शुरुआत बतौर एक आंदोलन के रूप में हुई थी। यह मिस्र में मुस्लिम ब्रदरहुड की एक शाखा के रूप में शुरू हुआ था और इसके बाद फ़िलिस्तीन को आज़ाद कराने के उद्देश्य से इज़राइल के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष करने के लिए एक सैन्य शाखा, इज़ अल-दीन अल-क़सम ब्रिगेड बनाई गई है। इस सशस्त्र संगठन का उद्देश्य फलिस्तीन की आज़ादी है। इसने इजरायली कब्जे के फिलिस्तीनी पीड़ितों के उत्थान हेतु कई सामाजिक कल्याण कार्यक्रम भी आदि भी कार्य किये है।

हमास का मतलब इस्लामिक प्रतिरोध आंदोलन है और अरबी में इसका अर्थ है ‘उत्साह’। इसकी स्थापना बतौर एक आंदोलन हुई थी। इसकी स्थापना 1987 में गाजा में एक इमाम, शेख अहमद यासीन और उनके सहयोगी अब्दुल अजीज अल-रंतीसी द्वारा की गई थी, जो पहले इंतिफादा की शुरुआत के तुरंत बाद था, जो फिलिस्तीनी क्षेत्रों पर इजरायल के कब्जे के खिलाफ एक विद्रोह था।

पीएलओ के विपरीत, हमास इजरायल के राज्य के दर्जे को मान्यता नहीं देता है, लेकिन 1967 की सीमाओं पर फिलिस्तीनी राज्य को स्वीकार करता है। फ़िलिस्तीनी समूह के निर्वासित नेता खालिद मेशाल ने वर्ष 2017 में ही कहा था कि ‘चाहे हालिया दबाव कुछ भी हो और कब्ज़ा कितना भी लंबा क्यों न हो, हम फ़िलिस्तीनी घरेलू ज़मीन का एक इंच भी नहीं छोड़ेंगे।‘ हमास 1990 के दशक के मध्य में इज़राइल और पीएलओ द्वारा किए गए ओस्लो शांति समझौते का हिंसक विरोध करता है।

यह औपचारिक रूप से अपनी सीमाओं के भीतर एक फ़िलिस्तीनी राज्य की स्थापना के लिए प्रतिबद्ध है। इसने कब्जे वाले फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों और इज़रायल दोनों में इज़रायली सैनिकों, निवासियों और नागरिकों पर हमलों के माध्यम से इस उद्देश्य को पूरा किया है। संपूर्ण समूह या कुछ मामलों में इसकी सैन्य शाखा को इज़राइल, अमेरिका, यूरोपीय संघ, कनाडा, मिस्र और जापान द्वारा ‘आतंकवादी’ संगठन के रूप में नामित किया गया है।

हमास का गठबंधन ईरान, सीरिया और लेबनान में हिजबुल्लाह समूह से है। जो मध्य पूर्व और इज़राइल के प्रति अमेरिकी नीतियों का विरोध करता है। हमास के वरिष्ठ प्रवक्ता ओसामा हमदान ने अल जजीरा को बताया है कि हमारा समूह नागरिकों पर हमला नहीं कर रहा है, हालांकि समूह के अपने वीडियो में उसके लड़ाकों को शनिवार को लड़ाई के दौरान बुजुर्ग इजरायलियों को बंधक बनाते हुए दिखाया गया है।

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