शाहीन बनारसी
डेस्क: इसराइल हमास संघर्ष के बीच रोज़ महज़ निंदा करती दुनिया के निंदाओ की फिक्र न करते हुवे अब इसराइल ने आसमान से पर्चे गिरा कर वेस्ट बैंक को फलस्तीनियों से खाली करने का फरमान जारी किया है। इसी बीच अल शिफा अस्पताल के निदेशक ने कहा है कि ‘ICU में भर्ती सभी मरीजों की मौत हो गई है।’ इस बीच इसराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने पत्रकार वार्ता में कहा है कि बन्धको के सम्बन्ध में अहम् जानकारी हासिल हुई है।
इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने कल एक अमेरिकन चैनल सीबीएस को दिए इंटरव्यू में कहा है कि ग़ज़ा में चल रहे युद्ध में आम लोगों की ज़िंदग़ी की क्षति कम करने में इसराइली सेना विफल रही। मगर इसके लिए हमास ज़िम्मेदार है। नेतन्याहू ने कहा कि इसराइली सेना कोशिश कर रही है कि ग़ज़ा में आम लोगों को कम-से-कम क्षति पहुंचे, लेकिन वह कामयाब नहीं हुई। इसराइली पीएम ने कहा कि उनकी सेना हमास को जड़ से मिटाने के लिए काम कर रही है, लेकिन यह समूह आम लोगों को ‘मानव ढाल’ बनाकर इस्तेमाल कर रहा है।
नेतन्याहू ने सात अक्टूबर को इसराइल पर हमले के बाद हमास की ओर से बंधक बनाए गए लोगों पर भी प्रतिक्रिया दी। नेतन्याहू ने कहा कि उनके पास मज़बूत संकेत हैं कि इन बंधकों को अल-शिफ़ा अस्पताल में रखा गया है और ये एक बड़ा कारण है कि इसराइली सेना इस अस्पताल में घुसी। हालांकि, नेतन्याहू ने ये भी कहा कि जब बुधवार को उनकी सेना अस्पताल में घुसी तो कोई बंधक वहां नहीं था। उन्होंने दावा किया, अगर वे थे तो उन्हें बाहर निकाल लिया गया।
इस बीच इसराइली सेना ने ख़ान यूनिस के कुछ शहरों के लोगों को अपने घर खाली करने और शेल्टर केंद्रों में जाने को कहा है। इसराइली सेना ने बुधवार की रात बानी सुहैला, खुज़ा,अबास्सन, करारा शहर में पर्चे गिरा कर ये चेतावनी दी। इन शहरों में दस लाख से अधिक लोग रहते हैं। इन इलाकों में बड़ी तादाद में विस्थापित लोग जमा हैं। ख़ान यूनिस दक्षिणी ग़ज़ा का सबसे बड़ा शहर है।
उत्तरी ग़ज़ा को छोड़ कर आने वाले लोग बड़ी तादाद में यहां मौजूद हैं। अक्टूबर में यहां की आबादी चार लाख से बढ़ कर दस लाख हो गई थी। यहां हजारों विस्थापित लोग अस्थायी कैंपों, अस्पतालों और स्कूलों में रह रहे हैं। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़ पर्चे में कहा गया है कि लोगों को अपनी सुरक्षा के लिए अपने घरों को तुरंत छोड़ देना चाहिए। पर्चे में कहा गया है, ‘आतंकवादियों और उनके ठिकानों पर रहने वाले लोग अपनी जान जोखिम को डाल रहे हैं।’
वही अल शिफा के निदेशक ने कहा है कि चिकित्सा परिसर के अंदर मौजूद सभी लोगों के लिए एक ‘बड़ी जेल’ और ‘सामूहिक कब्र’ बन गया है। मुहम्मद अबू सल्मिया ने अल जजीरा को बताया कि अस्पताल में 7,000 लोग हैं और कर्मचारी अभी भी मरीजों की मदद के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने ‘उन सभी को खो दिया जो गहन चिकित्सा इकाई में थे’।
उन्होंने कहा कि ‘हमारे पास कुछ भी नहीं बचा है, न बिजली, न भोजन, न पानी। हर गुजरते मिनट के साथ, हम एक जीवन खो रहे हैं। रात भर में हमने 22 लोगों को खो दिया, सालमिया ने कहा ‘पिछले तीन दिनों से अस्पताल को घेरे में रखा गया है।‘ उन्होंने कहा कि उन्होंने अस्पताल छोड़ने की अपील की है लेकिन इज़रायली बलों ने इससे इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि ‘यह एक युद्ध अपराध है। एक पूर्ण युद्ध अपराध।’
वही कल रात हमास ने दावा किया है कि इसराइल के शहर निरिम किबुत्ज़ पर उसने एक बड़ा हमला किया है। वही इसराइली अख़बार ‘हारेट्स ने इस सम्बन्ध में बताया है कि निरिम किबुत्ज़ पर मोर्टार के गोले गिरे है। हमास की सशस्त्र शाखा क़सम ब्रिगेड ने घोषणा की कि उन्होंने मोर्टार फायर से निरिम किबुत्ज़ को निशाना बनाया है। मीडिया ने कहा है कि गाजा पट्टी के पास इज़राइल के किसुफिम में सायरन बज रहे थे।
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