तारिक़ आज़मी
डेस्क: इसराइल जहा एक तरफ गज़ा में ज़मीनी हमलो में झटके खा रहा है और मंगलवार को हुवे हमले में अब तक 15 इसराइली सैनिको के मारे जाने की पुष्टि इसराइल की सेना कर चुकी है। वही दूसरी तरफ विश्व के कई देश इसराइल से अपने सम्बन्ध खत्म करते जा रहे है। अमेरिकन के तीन देशो ने इसराइल से अपने सम्बन्ध समाप्त करने की घोषणा पहले ही कर दिया है।
हूती विद्रोहियों की तरफ से भी अब इजरायल पर हमले किए जा रहे हैं। ऐसे में अब एक और तरफ से इजरायल की चुनौतियां दोगुनी हो गई हैं। सोमवार को यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने दक्षिणी इजरायल के खिलाफ सिलसिलेवार हमलों की जिम्मेदारी ली है। इसके साथ ही हूती विद्रोहियों ने भी इजरायल के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है।
1500 किलोमीटर की दूरी से हूती विद्रोहियों ने इजरायल-हमास युद्ध में घुसपैठ की है। हूती विद्रोहियों के खिलाफ सऊदी अरब ने आठ साल से युद्ध छेड़ रखा है। इजरायल के हमला करने के बाद से हूती, फिलिस्तीनियों के साथ आ गए हैं। इससे उस आंदोलन के लिए एक नया मोर्चा खुल गया है जो आठ सालों से थोड़ा सुस्त पड़ा था। टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट की तरफ से कहा गया है कि संगठन के प्रवक्ता याह्या सरिया ने कहा है कि हवाई हमले में ड्रोन के साथ-साथ बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों का यूज किया गया। सरिया ने कहा कि यह ऑपरेशन यमनी लोगों की मांग पर किया गया।
सरिया की मानें तो युद्ध शुरू होने के बाद से इजरायल के खिलाफ संगठन द्वारा किया गया यह तीसरा हमला था। इस हमले में मिसाइलों और ड्रोन के साथ इजराइल के खिलाफ आगे भी हमले करने की कसम खाई। रॉकेट लॉन्च होने के साथ ही इजरायल के इलियट में सायरन बजने लगे और एरो एयर डिफेंस सिस्टम की मदद से उन्हें रोक लिया गया गया। कहा जा रहा है कि इजरायल के फाइटर जेट्स ने हूती विद्रोहियों की तरफ से भेजे गए जेट्स को भी गिरा दिया। दिलचस्प बात है कि हूती, हमास और हिज्बुल्लाह तीनों को ही इजरायल के दुश्मन ईरान का समर्थन मिला हुआ है।
हूती का नारा है ‘अमेरिका की मौत, इजरायल की मौत, यहूदियों को शाप और इस्लाम की जीत’। हूती सरकार के प्रधानमंत्री अब्देलअजीज बिन हैबटूर ने दिन में पहले ही घोषणा की थी कि हमले में इस्तेमाल किए गए ड्रोन यमन के हैं। हूती विद्रोहियों ने साल 2014 में यमन की राजधानी सना पर कब्जा कर लिया था और देश के बड़े हिस्से को नियंत्रित किया था। वे हमास के साथ इजरायल के खिलाफ प्रतिरोध की धुरी का हिस्सा हैं। इजरायल के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर तजाची हानेग्बी ने कहा कि हूती हमले असहनीय थे। लेकिन जब उनसे पूछा गया कि इजरायल कैसे प्रतिक्रिया दे सकता है तो उन्होंने विस्तार से बताने से इनकार कर दिया।
हुती पर इस महीने की शुरुआत में लाल सागर के महत्वपूर्ण शिपिंग लेन पर मिसाइलें और ड्रोन भेजकर इज़राइल को निशाना बनाकर हमला करने का संदेह था, इस हमले में अमेरिकी नौसेना ने प्रोजेक्टाइल को मार गिराया था। हालाँकि, इस बार मंगलवार को, इज़राइल ने कहा कि उसके अपने लड़ाकू जेट और उसकी नई एरो मिसाइल रक्षा प्रणाली ने देश के प्रमुख लाल सागर शिपिंग बंदरगाह इलियट के पास आते ही कुछ घंटों के अंतराल पर आने वाली दो गोलाबारी को मार गिराया।
2014 से यमन की राजधानी सना पर कब्ज़ा करने के बाद से ही हुती यमन के कई इलाकों पर काबिज़ है और वहाँ अपना सैन्य शासन चलाता है। अगर कहा जाये कि हुती यमन के अधिकतर हिस्से में अपना सैन्य शासन चलाता है तो गलत नही होगा। हुती के सैन्य बयान में इज़राइल पर तीन हमलों का दावा किया गया है, हालांकि इस ऑपरेशन की समय सीमा के बारे में विस्तार से नही बताया गया है।
हूती के प्रवक्ता ने आगे कहा- यह हमले गाजा के लोगों के सपोर्ट में किए गए हैं, क्योंकि अरब देश कमजोर हैं और इजराइल का छिपकर साथ दे रहे हैं। यमन की जनता चाहती है कि हम इजराइल पर हमले करें। ये हमले आगे भी होंगे। अब यमन से हुती के भी इस जंग में कूदने से यह ‘ट्रिपल H’ यानी हमास, हिजबुल्लाह और हुती द्वारा इसराइल को मुश्किलें अधिक बढ़ा देने की संभावना दिखाई दे रही है। हुती इरान समर्थित है तो युद्ध की आंच लगता है इरान तक भी पहुच सकती है। क्योकि मध्य पूर्व में ईरान अमेरिका के बीच कभी भी सम्बन्ध अच्छे नही रहे है और ईरान अमेरिका का विरोधी रहा है।
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