शफी उस्मानी
डेस्क: इसराइली मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक़ लिकुड पार्टी के नेता अवि डिक्टर से एक साक्षात्कार में ग़ज़ा में लोगों के पलायन की तस्वीरों पर सवाल पूछा गया था। जिसके जवाब में इसराइल की सुरक्षा कैबिनेट के सदस्य और कृषि मंत्री अवि डिक्टर ने ग़ज़ा के हालात पर कहा है कि ये ‘नकबा 2023’ है।
वहीं इसराइल के प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू ने एक प्रेस वार्ता में कहा है कि इसराइल किसी भी हालात में ग़ज़ा की सुरक्षा को नहीं छोड़ेगा। जब उनसे पूछा गया कि क्या युद्ध के बाद ग़ज़ा को फ़लस्तीनी प्राधिकरण को सौंपा जा सकता है तो उन्होंने कहा, ‘मैं दोहराता हूं, पूरा सुरक्षा नियंत्रण हमारे हाथ में होगा, हमारे पास ये क्षमता होगी कि हम जब चाहें ग़ज़ा में दाख़िल हों और अगर कोई आतंकवादी फिर से उभरता है तो उसे ख़त्म कर दें। मैं ये नहीं बता सकता कि क्या नहीं होगा। लेकिन हमास नहीं होगा।’
नकबा का मतलब होता है त्रास्दी। फ़लस्तीनी लोग इस शब्द का इस्तेमाल उन घटनाओं के लिए करते हैं जब फ़लस्तीनियों को उनकी बस्तियों से ज़बरदस्ती निकाल दिया गया था। फ़लस्तीनी इलाक़ों से लोगों के पलायन के लिए नकबा शब्द का इस्तेमाल किया जाता है।
आदिल अहमद डेस्क: कैलाश गहलोत के आम आदमी पार्टी से इस्तीफ़ा देने पर राज्यसभा सांसद…
आफताब फारुकी डेस्क: बीती रात रूस ने यूक्रेन की कई जगहों पर कई मिसाइलों और…
तारिक खान डेस्क: दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने मंत्री पद और आम…
फारुख हुसैन डेस्क: मणिपुर में शनिवार को हुई हिंसा पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने…
अबरार अहमद डेस्क: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से शनिवार को फूलपुर में…
माही अंसारी डेस्क: मणिपुर और असम की सीमा के पास जिरी नदी में शुक्रवार को…