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मध्य प्रदेश कांग्रेस ने वीडियो पोस्ट कर भाजपा पर पोस्टल बैलेट में वोट चोरी का लगाया आरोप, बालाघाट में डाक मत-पत्रों से छेड़छाड़ की चुनाव आयोग से किया शिकायत, मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने आरोपों को किया खारिज

तारिक खान

नई दिल्ली:: कांग्रेस ने मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को एक ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि वह बालाघाट कलेक्टर के खिलाफ कथित रूप से पोस्टल बैलट को स्ट्रॉन्ग रूम से बाहर निकालने और कदाचार में लिप्ट होने के लिए कार्रवाई करें। मध्य प्रदेश कांग्रेस के आधिकारिक एक्स हैंडल से सोमवार को इससे संबंधित एक वीडियो भी साझा किया गया। पार्टी ने वीडियो के साथ भाजपा पर वोट चुराने के आरोप लगाए थे।

वही टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) अनुपम रंजन ने सोमवार को आरोपों को खारिज किया और कहा कि स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने प्रक्रिया पर संतुष्टि जाहिर की है। राजन ने बताया, ‘सेवा मत (डाक मत-पत्र) अधिकृत कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के एजेंटों की मौजूदगी में स्ट्रॉन्ग रूम से बाहर निकालकर विधासभा-वार अलग किए जा रहे थे। इन्हें उनके लिए बनी पेटियों में रखा गया था।’ उन्होंने कहा कि बैहर विधानसभा के कुल 429 डाक मत-पत्र, लांजी के 553, परसवाड़ा के 452, बालाघाट के 1308, वारासिवनी के 391 और कटंगी के 126 डाक मत-पत्र अधिकृत प्रतिनिधियों की मौजूदगी में अलग-अलग किए गए।

कांग्रेस उपाध्यक्ष जेपी धनोपिया, जो पार्टी के चुनाव मामलों के प्रभारी हैं, ने एक ज्ञापन में आरोप लगाया कि डाक मत-पत्रों को भंडार कक्ष से बाहर निकालकर कर्मचारियों को सौंप दिया गया, जो उन्हें अपनी मनमर्जी से संभाल रहे थे। धनोपिया ने कहा, इसलिए अब उनकी पवित्रता संदेह के दायरे में है और बालाघाट कलेक्टर गिरीश चंद्र मिश्रा एवं प्रक्रिया से जुड़े सभी कर्मचारियों के निलंबन की मांग की।

कलेक्टर कार्यालय के जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी एक बयान में मिश्रा ने कहा कि स्थानीय तहसील कार्यालय में बनाया गया स्ट्रॉन्ग रूम पार्टियों के अधिकृत पोलिंग एजेंट की मौजूदगी में डाक मत-पत्रों के पृथक्करण के लिए खोला गया था। उन्होंने कहा कि प्रक्रिया के अनुसार, विभिन्न जिलों से इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट सिस्टम (ईटीबीपीएस) के जरिये आने वाले मत-पत्र स्ट्रॉन्ग रूम खोलने के बाद हर दिन दिन में तीन बजे विधानसभा-वार अलग-अलग किए जाते हैं। फिर चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार मत-पत्रों को सावधानीपूर्वक बंडलों में रखा जाता है।

उन्होंने बयान में कहा कि किसी ने इस प्रक्रिया का वीडियो बना लिया और भ्रम की स्थिति पैदा करने के लिए फैला दिया। उन्होंने इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है। इस बीच, एक अधिकारी ने बताया कि मामले को गंभीरता से लेते हुए संभागीय आयुक्त ने सोमवार (27 नवंबर) की शाम नोडल अधिकारी हिम्मत सिंह को प्रक्रिया संपन्न कराने में लापरवाही बरतने के लिए निलंबित कर दिया।

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