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उत्तर काशी सुरंग हादसे में फंसे 41 मजदूरों के लिए जारी रेस्क्यू आपरेशन शुक्रवार दोपहर तक पूरा होने की सम्भावना, पर्यावरणविदो ने जताया इस परियोजना पर चिंता

अनुराग पाण्डेय

डेस्क: चार धाम राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना के तहत साल भर आने जाने लायक सड़क बनाने के उद्देश्य से बन रही उत्तरकाशी की सिल्क्यारा सुरंग हादसे मे 12 नवम्बर को हुवे हादसे के बाद अभी भी 41 मजदूर वहा फंसे है और राहत कार्य शुक्रवार के दोपहर तक हो जाने की संभावना बताया जा रहा है। उन्हें बचाने के लिए राहत और बचाव एजेंसियां अभी भी काम कर रही है।

जबकि इस परियोजना के शुरुआत से ही पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने वाले इस परियोजना से पर्यावरण को होने वाले नुकसान को लेकर चिंता जताते रहे हैं। पर्यावरणविदों का तर्क है कि उत्तराखंड के जिन इलाकों में इस परियोजना का विकास हो रहा है, वहां हो रहे भूस्खलन का यह प्रमुख कारक है।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने इस परियोजना के नुकसान को समझने के लिए विकास का पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव पर शोध करने वाले रवि चोपड़ा से बातचीत की। जिसमे रवि चोपड़ा ने कहा हा कि ‘इस परियोजना की योजना जल्दबाज़ी में तैयार की गई।’ रवि चोपड़ा इस परियोजना का प्रभाव जानने के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त एक एक्सपर्ट पैनल नेतृत्व कर चुके है। हालांकि बाद में उन्होंने पैनल से इस्तीफ़ा दे दिया।

उन्होंने रॉयटर्स को बताया कि परियोजना का प्रभाव समझने के लिए जिस तरह की जियोलॉजिकल जांच होनी चाहिए थी, वो नहीं की गई। गंगा संरक्षण के लिए काम करने वाली प्रियदर्शिनी पटेल ने एक अख़बार में लिखा, ‘इस युवा, भंगुर पर्वत शृंखला में विकास का यह मॉडल विनाशकारी रहा है और इसमें बदलाव की ज़रूरत है। हिमालय क्षेत्र में बड़ी परियोजनाओं के विकास से सरकार को बचना चाहिए।’

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