मो0 कुमेल/ईदुल अमीन
डेस्क: ग़ज़ा के अल-शिफ़ा अस्पताल के हालात को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि यहां स्थिति ‘कब्रिस्तान जैसी’ है। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि ग़ज़ा पट्टी के अस्पतालों को सुरक्षित रखने की ज़रूरत है। WHO के प्रवक्ता क्रिश्चियन लिंडमीयर ने बताया है कि फ़िलहाल इस अस्पताल में 600 लोग हैं।
उत्तरी ग़ज़ा का ये अस्पताल पिछले कई दिनों से चर्चा में है। मेडिकल और खाने-पीने की सुविधाओं के न होने के कारण WHO का दावा है कि अब इस अस्पताल ने काम करना बंद कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र की फ़लस्तीन रिफ्यूजी एजेंसी (यूएनआरडब्लूए) ने बताया है कि ‘उसके ईंधन के डिपो खाली हो गए हैं। एजेंसी के मुताबिक इन डिपो के जरिए वो ईंधन की सप्लाई कर रही थी। एजेंसी की कम्युनिकेशन डायरेक्टर जूलिएट टॉमा ने मीडिया से कहा कि इस हालात में ग़ज़ा में चलाए जा रहा मानवीय अभियान ‘ख़तरे में पड़ सकता है।’
उन्होंने बताया, ‘हम अपनी कारें नहीं चला पाएंगे। बेकरियों तक आटे की सप्लाई नहीं कर सकेंगे। हम स्वास्थ्य केंद्रों को ईंधन नहीं दे पाएंगे। हमने आज ईंधन दिया लेकिन ये आखिरी खेप थी। हमारे यहां सात लाख 80 हज़ार लोगों ने शरण ली हुई है। हम उनकी मदद नहीं कर सकेंगे। एजेंसी निजी सेक्टर से हासिल ईंधन का इस्तेमाल कर रही है। इसे इसराइल के अधिकारियों के ‘समन्वय’ के जरिए भी एक डिपो से तेल मिल रहा है लेकिन अब वो भी ‘ख़त्म हो गया है। हमें अभी ईंधन चाहिए…! तुरंत…..!’
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