प्रमोद कुमार
डेस्क: देश के आपराधिक कानून को बदलने वाले तीन अहम विधेयक- भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य विधेयक-राज्यसभा से पारित हो गए हैं। ये बिल भारतीय दंड संहिता (आपीसी), कोड ऑफ़ क्रिमिनल प्रोसीजर और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह ले लेंगे। गुरुवार को शीतकालीन सत्र भी ख़त्म हो गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन विधेयकों के राज्यसभा से पारित होने पर कहा, ” ये हमारे इतिहास का एक अहम क्षण है। ये विधेयक औपनिवेशिक युग के कानूनों के अंत के प्रतीक हैं। लोक सेवा और कल्याण पर आधारित कानून से एक नए युग की शुरुआत होती है।
इस विधेयक पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नए आपराधिक कानून की आत्मा, शरीर और विचार भारतीय हैं। गृह मंत्री ने कहा, ‘हमने कहा था कि न्याय मिलने की गति बढ़ाएंगे, कानूनों को सरल बनाएंगे, कानूनों को भारतीय बनाएंगे और न्यायिक एवं न्यायालय प्रबंध व्यवस्था को सुदृढ़ बनाएंगे। ये जो मैं पढ़ रहा हूं, ये हमारे संकल्प पत्र का हिस्सा है। मान्यवर, उस समय मैं ही पार्टी का अध्यक्ष था। आज इस सदन में हम पूरा करने का काम कर रहे हैं।’
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