संजय ठाकुर
डेस्क: पुंछ ज़िले में बीते 21 दिसंबर को एक आतंकी हमले में 4 जवानों की मौत के बाद सेना ने कुछ लोगों को पूछताछ के लिए उठाया था। बाद में इनमें से 3 लोगों के शव पाए गए थे। इनके परिवारों ने सेना की हिरासत में मौत का आरोप लगाया है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अब सेना ने उन परिस्थितियों की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (सीओआई) का आदेश दिया है, जो तीन नागरिकों की मौत का कारण बनीं।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, उधर, जम्मू कश्मीर पुलिस ने भी तीन नागरिकों की मौत और पांच अन्य के घायल होने के संबंध में हत्या और हत्या के प्रयास से संबंधित आईपीसी की धाराओं के तहत ‘अज्ञात’ व्यक्तियों के खिलाफ सुरनकोट थाने में एफआईआर दर्ज की है। मृत पाए गए तीन नागरिक टोपा पीर गांव के सफीर अहमद (48 वर्ष), मोहम्मद शौकत (28 वर्ष) और शब्बीर अहमद (25 वर्ष) थे।
बताते चले कि बीते 21 दिसंबर को जिले के टोपा पीर गांव के पास के पास घात लगाकर किए गए हमले में चार जवान शहीद हो गए थे और दो घायल हुए थे। सूत्रों ने बताया कि दो जवानों के शव क्षत-विक्षत पाए गए थे। सेना द्वारा व्यापक घेराबंदी और तलाशी अभियान चलाए जाने के बावजूद अब तक आतंकवादियों का पता नहीं चल सका है।
हमले के संबंध में पूछताछ के लिए अगले दिन 22 दिसंबर को सुबह उठाए गए आठ नागरिकों में से तीन रात को मृत पाए गए थे, जिससे क्षेत्र में भारी आक्रोश फैल गया। शेष पांच नागरिकों को घायल अवस्था में राजौरी के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके रिश्तेदारों ने आरोप लगाया कि आठों को पूछताछ के दौरान प्रताड़ित किया गया था।
मृतक सफीर, शब्बीर और शौकत के शवो को पुंछ में बफलियाज़ और राजौरी में देहरा की गली के थानामंडी की ओर अंतर-जिला आवाजाही पर प्रतिबंध और दो सीमावर्ती जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं के निलंबन के बीच शनिवार (23 दिसंबर) को उन्हें दफना दिया गया। कानूनी कार्रवाई शुरू कर मुआवजे की घोषणा की गई है। वहीं, सेना ने कहा कि मामले की जांच चल रही है और वह ‘जांच के संचालन में पूर्ण समर्थन और सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है।’
इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी खबर में बताया है कि उसको पता चला है कि सेना की आंतरिक जांच अखनूर स्थित एक अलग इकाई द्वारा की जाएगी – यह नगरोटा की 16 कॉर्प्स का भी हिस्सा है, जो पीर पंजाल रेंज के दक्षिण के क्षेत्रों के लिए जवाबदेह है और इसमें निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए जम्मू कश्मीर पुलिस जैसी अन्य एजेंसियां भी शामिल होंगी।
मारे गए तीन नागरिकों में से एक सफीर अहमद के बड़े भाई बीएसएफ हेड कांस्टेबल नूर अहमद ने कहा कि उन्हें पुलिस ने सूचित किया था कि सुरनकोट पुलिस थाने में एफआईआर संख्या-394 दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि उन्हें अभी तक एफआईआर की कॉपी नहीं मिली है। द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, 29 सेकंड का एक वीडियो सामने आने पर दिल्ली से उच्चस्तरीय हस्तक्षेप के बाद मामला दर्ज किया गया था। वीडियो में कुछ लोग – कथित तौर पर सेना के जवान – तीन लोगों को निर्वस्त्र करते हुए और उन पर मिर्च पाउडर छिड़कते हुए देखे जा सकते थे। यह क्लिप सोशल मीडिया पर फैल गई थी। कहा जा रहा है कि यह वीडियो सेना के शिविर में शूट किया गया था।
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