शहनवाज़ अहमद
डेस्क: बाहुबली पूर्व विधायक मुख़्तार अंसारी के भाई और पूर्व बसपा सांसद अफजाल अंसारी को सुप्रीम कोर्ट ने आज बड़ी राहत दिया है। गैंगस्टर एक्ट के तहत कसूरवार ठहराए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ उनकी सज़ा पर रोक लगा दी है। अदालत ने लोकसभा में वोटिंग और भत्ते पर उन्हें रोक लगाते हुवे सदन के कार्यवाही का हिस्सा बने रहने का फैसला दिया है।
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, बेंच के सदस्य जस्टिस दत्ता ने कहा कि उनकी राय बहुमत की राय से अलग है। जस्टिस दत्ता ने अपने फ़ैसले में अंसारी की अपील खारिज कर दी थी। 31 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने अंसारी की याचिका पर अपना फ़ैसला सुरक्षित रखा था। इससे पहले 24 जुलाई को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अंसारी की सज़ा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था लेकिन उन्हें ज़मानत दे दी थी।
ग़ाज़ीपुर के स्पेशल एमपी/एमएलए कोर्ट ने 29 अप्रैल को अफज़ाल अंसारी और उनके भाई मुख़्तार अंसारी को गैंगस्टर एक्ट से जुड़े एक मामले में दोषी करार दिया था। सांसद अफज़ाल अंसारी को चार साल की जेल और एक लाख रुपये जुर्माने की सज़ा सुनाई गई थी। इस केस में मुख़्तार अंसारी को दस साल जेल की सज़ा सुनाई गई थी। दोनों भाइयों के ख़िलाफ़ ये मामला ग़ाज़ीपुर से बीजेपी के तत्कालीन विधायक कृष्णानंद राय की हत्या और वाराणसी के कारोबारी नंद किशोर रुंगटा के अपहरण और हत्या से जुड़ा हुआ है।
कृष्णानंद राय की 29 नवंबर, 2005 को हत्या कर दी गई थी। नंद किशोर रुंगटा का मामला साल 1997 का है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद गाजीपुर के मुहमदाबाद स्थित अफजाल अंसारी के घर पर लोगो द्वारा बधाई देने वालो की आमदरफ्त शुरू हो गई है। वही गाजीपुर में अफजाल अंसारी के समर्थको और बसपा कार्यकर्ताओं में भी ख़ुशी दिखाई दे रही है।
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