मो0 शरीफ
डेस्क: माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने अयोध्या में राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए दिए गए निमंत्रण को ठुकरा दिया है। पार्टी द्वारा जारी बयान ने कहा गया है कि धर्म निजी राय है, इसका इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए नहीं होना चाहिए।
पार्टी द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि जिसमें सीधे तौर पर प्रधानमंत्री, यूपी के मुख्यमंत्री और अन्य सरकारी पदाधिकारी शामिल हैं। माकपा की नीति धार्मिक मान्यताओं का सम्मान करने और हर व्यक्ति की आस्था के अधिकार की रक्षा की रही है। इसका मानना है कि धर्म एक व्यक्तिगत पसंद का मसला है, जिसे राजनीतिक फायदे के लिए नहीं इस्तेमाल किया जाना चाहिए। इसलिए, हम समारोह में शामिल नहीं होंगे।’
इसमें यह भी कहा गया कि भारत में शासन का एक बुनियादी सिद्धांत, जैसा कि सर्वोच्च न्यायालय ने दोहराया है, यह है कि संविधान के तहत भारत में सरकार की कोई धार्मिक संबद्धता नहीं होनी चाहिए। इस आयोजन में सत्तारूढ़ शासन द्वारा इसका उल्लंघन किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि मंदिर ट्रस्ट ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी को भी निमंत्रण दिया हुआ है।
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