आफ़ताब फारुकी
डेस्क: जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को साल 2019 में भारत सरकार ने निरस्त कर दिया था। चार साल बाद सोमवार को केंद्र सरकार के इस फ़ैसले की संवैधानिक वैधता पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया।
“सुप्रीम कोर्ट को फैसला देना है, फैसला देने दीजिए।” घाटी में सिक्योरिटी बढ़ाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा- “जनता पर यकीन होना चाहिए, यहां लोगों ने कब बीते चार सालों में कानून को अपने हाथों में लिया। 2019 में नहीं लिया, 2020 में नहीं लिया।”
“आज जब हम ग़ज़ा में जो कुछ हो रहा है उससे बहुत नाराज़ हैं लेकिन फिर भी हम दिमाग से काम ले रही हैं, माहौल को बिगाड़ने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। फ़ैसला आने के बाद भी लोग माहौल नहीं बिगाड़ेंगे। पुलिस को लोगों को पकड़ने की ज़रूरत नहीं है, लोगों पर भरोसा करना चाहिए।”
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