आदिल अहमद
डेस्क: साल 2013 में जब राहुल गांधी ने अध्यादेश फाड़ा था तो उनकी इस हरकत से प्रणब मुखर्जी हैरान थे। उन्होंने कहा था कि उनमें (राहुल गांधी) राजनीतिक कौशल के बिना गांधी-नेहरू वंश का सारा “अहंकार” है।
‘इन प्रणब, माइ फ़ादर:अ डॉटर रिमेंबर्स’ नाम की किताब में शर्मिष्ठा ने लिखा है कि उनके पिता ने उन्हें बताया था कि “राहुल गांधी शायद राजनीति के लिए नहीं बने हैं।” उनमें “करिश्माई छवि और राजनीतिक समझ की कमी है जो उनके लिए समस्या बन रही है।”
27 सितंबर, 2013 को राहुल गांधी पूर्व कैबिनेट मंत्री अजय माकन की ओर से आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आए और एक प्रस्तावित अध्यादेश को “पूरी तरह से बकवास” बताते हुए मीडिया के सामने ही फाड़ दिया।
अध्यादेश में दोषी विधायकों को तत्काल अयोग्य ठहराने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को दरकिनार किया गया था। इसके इतर अध्यादेश में यह प्रस्तावित किया गया कि दोषी विधायक हाई कोर्ट में अपील लंबित होने तक सदस्य के रूप में बने रह सकते हैं।
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