संजय ठाकुर
डेस्क: बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती ने डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की पुण्यतिथि के मौके पर ग़रीबी, महंगाई और सरकारी अनाज पर ग़रीबों की निर्भरता का मुद्दा उठाते हुए कहा कि ये एक दुखद स्थिति है।
देश में ग़रीबों की स्थिति पर दुख जाहिर करते हुए मायवाती ने लिखा है, “किंतु देश के 81 करोड़ से अधिक ग़रीब लोगों को पेट पालने के लिए सरकारी अन्न के मोहताज का जीवन बना देने जैसी दुर्दशा, ना यह आज़ादी का सपना था और ना ही उनके लिए कल्याणकारी संविधान बनाते समय बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर ने सोचा था, यह स्थिति अति-दुःखद है।”
उन्होंने आगे कहा, “देश में रोटी-रोज़ी के अभाव एवं महंगाई की मार के कारण आमदनी अठन्नी भी नहीं पर खर्चा रुपया होने के कारण गरीब, मजदूर, छोटे व्यापारी, किसान, मध्यम वर्ग सहित सभी मेहनतकश समाज की हालत त्रस्त और चिंतनीय, जबकि संविधान को सही से लागू करके उनकी हालत अब तक काफी संवर जानी चाहिए थी।”
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