शफी उस्मानी
डेस्क: केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति इरानी ने बुधवार को ‘वैतनिक माहवारी अवकाश’ का विरोध किया। उन्होंने कहा कि माहवारी कोई विकलांगता नहीं है, इसलिए किसी ‘वैतनिक अवकाश नीति’ की कोई ज़रूरत नहीं है। पिछले हफ़्ते स्मृति इरानी ने कांग्रेस के सांसद शशि थरूर के एक सवाल के जवाब में बताया था कि वैतनिक माहवारी अवकाश को अनिवार्य करने का कोई प्रस्ताव सरकार के समक्ष विचाराधीन नहीं है।
बुधवार को राज्यसभा में राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज कुमार झा ने माहवारी स्वास्थ्य नीति को लेकर सवाल पूछा। मनोज कुमार झा के सवाल के जवाब में स्मृति इरानी ने कहा, ‘माहवारी से गुजर रही महिला के रूप में माहवारी और मासिक धर्म आपकी क्षमता को सीमित नहीं करता है। ये एक महिला की जीवन यात्रा का स्वाभाविक हिस्सा है।’
उन्होंने आगे कहा कि ‘हमें ऐसे मुद्दों को आगे नहीं बढ़ाना चाहिए जहां महिलाओं को समान अवसर हासिल करने से वंचित किया जाए सिर्फ़ इसलिए क्योंकि ऐसे व्यक्ति जिन्हें माहवारी नहीं आती है, का इस विषय पर एक ख़ास नज़रिया है।’ बुधवार को राज्यसभा में दिए गए एक लिखित जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘महिलाओं, लड़कियों के एक छोटे से हिस्से को ही मेन्स्ट्रुअल क्रैम्प्स या ऐसी ही शिकायतें होती हैं। इनमें से ज़्यादातर की तकलीफ़ें दवाओं से ठीक हो जाती हैं।’
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