Special

विश्व ब्रेल दिवस पर विशेष: कब और किसने किया था ब्रेल लिपि की शुरुआत, कौन थे ब्रेल लिपि के आविष्कारक लुईस ब्रेल, पढ़ें क्या है ब्रेल लिपि

मिस्बाह बनारसी

डेस्क: हर वर्ष चार जनवरी का दिन ब्रेल दिवस के रूप मे मनाया जाता है। बताते चले कि ब्रेल लिपि आंखों से देख न पाने वाले लोगों की भाषा है। जिसका उपयोग वे लिखने पढ़ने के लिए करते हैं। दृष्टिहीन लोगों को शिक्षित करने और समाज में कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए ब्रेल लिपि का आविष्कार किया गया था।

विश्व ब्रेल दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य नेत्रहीन लोगों की जिंदगी केे चैलेंजेस, उनके अधिकारोंं, उनके प्रति समानता का भाव रखना इसी के बारे में जागरूकता फैलाना है। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 6 नवंबर 2018 को एक प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसमें हर साल 4 जनवरी को ब्रेल लिपि की खोज करने वाले लुइस ब्रेल के जन्मदिन यानि 4 जनवरी को वर्ल्ड ब्रेल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। पहली बार इस दिन को 4 जनवरी 2019 को मनाया गया था।

कौन थे लुईस ब्रेल

लुई्स ब्रेल का जन्म फ्रांस के कुप्रे नाम के गांव में 4 जनवरी 1809 को हुआ था। उनके पिता का नाम साइमन रेले ब्रेल था, जो पेशे से शाही घोड़ो के लिए काठी और जीन बनाने का काम करते थे। परिवार की आर्थिक हालत तंग थी, इस कारण लुईस महज तीन साल की उम्र से ही पिता के साथ काम पर जाने लगे थे।

वहीं एक हादसे में उनकी एक आंख पर चाकू घुस गया और आंख खराब हो गई। बाद में उनकी दूसरी आंख की रोशनी भी जाने लगी। तंगी के कारण उनका सही इलाज भी न हो सका। 8 साल की उम्र में लुईस ब्रेल को पूरी तरह से दिखाई देना बंद हो गया।

इसके बाद भी लुईस ब्रेल ने हार नहीं मानी और नेत्रहीनों के स्कूल में दाखिला लिया। इस दौरान उन्हें सेना की एक ऐसी कूटलिपि के बारे में पता चला जो अंधेरे में भी संदेशों को पढ़ने में मदद करती थी। लुईस ने नेत्रहीनों के लिए भी इस तरह की लिपि के बारे में सोचा और ब्रेल लिपि का आविष्कार किया। आंखों से देख न सकने वालों के लिए ब्रेल लिपि वरदान की तरह है।

नेत्रहीनों के लिए ब्रेल लिपि पढ़ने और लिखने का एक स्पर्शनीय कोड है। इसमें विशेष प्रकार के उभरे कागज का इस्तेमाल होता है। जिस पर उभरे हुए बिंदुओं को छूकर पढ़ा जा सकता है। टाइपराइटर की तरह की ही एक मशीन ‘ब्रेलराइटर’ के माध्यम से ब्रेल लिपि को लिखा जा सकता है। इसके अलावा स्टायलस और ब्रेल स्लेट के जरिए भी लिख सकते हैं। ब्रेल में उभरे हुए बिंदुओं को ‘सेल’ कहा जाता है।

संयुक्त राष्ट्र के विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार, विश्वभर में करीब 39 मिलियन लोग देख नहीं सकते हैं। वहीं करीब 253 मिलियन लोगों में किसी न किसी तरह का कोई दृष्टि विकार है। इतनी बड़ी संख्या में दृष्टिबाधितों के होने पर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 6 नवंबर 2018 को ये प्रस्ताव पास किया कि हर साल लुईस ब्रेल के जन्मदिन के मौके यानी 4 जनवरी को विश्व ब्रेल दिवस मनाया जाएगा।

हर साल ब्रेल दिवस को एक नई थीम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है। इस साल की थीम है ‘Empowering Through Inclusion and Delivery’

pnn24.in

Recent Posts

कैलाश गहलोत के इस्तीफे पर बोले संजय सिंह ‘मोदी वाशिंग पाउडर की देन, उनके पास भाजपा ने जाने के अलावा कोई रास्ता बचा नहीं था’

आदिल अहमद डेस्क: कैलाश गहलोत के आम आदमी पार्टी से इस्तीफ़ा देने पर राज्यसभा सांसद…

1 day ago

रुस ने युक्रेन पर किया अब तक का सबसे बड़ा हमला, रुसी मिसाइलो और ड्रोन से दहला युक्रेन

आफताब फारुकी डेस्क: बीती रात रूस ने यूक्रेन की कई जगहों पर कई मिसाइलों और…

1 day ago

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने दिया अपने पद और पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा

तारिक खान डेस्क: दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने मंत्री पद और आम…

1 day ago

मणिपुर हिंसा पर बोले कांग्रेस अध्यक्ष खड्गे ‘मणिपुर न तो एक है और न सेफ है’

फारुख हुसैन डेस्क: मणिपुर में शनिवार को हुई हिंसा पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने…

1 day ago