ए0 जावेद
वाराणसी: IIT BHU में एक छात्रा के साथ हुए यौन उत्पीड़न मामले के आरोपियों कुणाल पांडेय, आनंद उर्फ अभिषेक चौहान और सक्षम पटेल के खिलाफ BJP ने एक्शन लिया है। पार्टी ने तीनों आरोपियों को निष्कासित कर दिया है। इससे पहले वाराणसी पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया था, इसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां से कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। तीनों आरोपियों में से कोई भी BHU का स्टूडेंट नहीं है। लेकिन तीनों वाराणसी के ही रहने वाले हैं।
एक नवंबर 2023 की रात IIT BHU की छात्रा के साथ गैंगरेप करने के बाद तीनों आरोपी मध्यप्रदेश चले गए थे। मीडिया रिपोर्ट्स ये भी कहती हैं कि जब वारदात के बाद BHU के स्टूडेंट्स ने आंदोलन शुरू कर दिया तो आरोपी डर गए और मध्यप्रदेश चले गए। वहां विधानसभा चुनाव के प्रचार में शामिल हुए। इस बीच लगातार अपना ठिकाना बदलते रहे। लखनऊ सहित कई और शहर भी गए। करीब 2 महीने बीत गए और कोई एक्शन नहीं हुआ तो तीनों को भरोसा हो गया कि अब कुछ नहीं होगा। इसके बाद वापस वाराणसी लौटे। पुलिस के मुताबिक, इस दौरान उनके नंबर सर्विलांस पर लगे थे, जिससे उनको ट्रेस किया जा रहा था। तीनों आरोपी जैसे ही वाराणसी वापस आए, पुलिस ने पकड़ लिया।
पुलिस ने ये भी बताया है कि वारदात के वक़्त आरोपी जिस बाइक से थे, वो आरोपी कुणाल पांडेय की थी। बाइक पर नंबर प्लेट नहीं थी। पुलिस को गुमराह करने के लिए उन्होंने वारदात के बाद नंबर प्लेट लगा ली। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, कुणाल के पास बीटेक की डिग्री है। दो साल पहले ही उसकी शादी हुई थी। उसकी सास पार्षद हैं। खुद कुणाल भी निगम पार्षद पद का चुनाव लड़ने की तैयारी में था।
दूसरे आरोपी अभिषेक चौहान उर्फ़ आनंद के खिलाफ मारपीट का मुकदमा पहले से दर्ज है। उसके पिता साड़ी की छपाई का काम करते हैं। तीसरा आरोपी सक्षम पटेल कौड़िया अस्पताल में कंपाउंडर था। उसके परिवार के लोग फल की दुकान लगाते हैं। कहा जा रहा है कि सक्षम के कुछ राजनीतिक लोगों से अच्छे संबंध थे। फिलवक्त, पुलिस तीनों आरोपियों को रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है। पूछताछ में मामले से जुड़ी कई और बातें सामने आ सकती हैं।
पुलिस ने भी किया मेहनत और ऐसे आये आरोपी पहचान में
पुलिस ने लगभग 300 कैमरे खंगालने के बाद, तीनों आरोपियों को 4 नवंबर को पहचान लिया था। तीनों, वारदात के बाद हैदराबाद गेट से बाईपास की तरफ भागे थे। उधर रोडलाइट अच्छी न होने के चलते पुलिस को सीसीटीवी से कोई ख़ास सुराग नहीं मिला। फिर, पुलिस ने 1 नवंबर की रात को 1 बजे के बाद सिंह द्वार से घुसने वाले बाइक सवार तीन लड़कों की फुटेज खंगालना शुरू किया।
फिर पुलिस को सिगरा के सिटी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की मदद से एक बुलेट बाइक पर सवार तीन युवकों की धुंधली फुटेज मिली। इसी के सहारे, पुलिस ने आगे के इलाके की फुटेज देखी। चेतगंज इलाके में तीनों की साफ वीडियो फुटेज मिल गई। पीड़ित छात्रा को फुटेज दिखाई गई तो उसने तीनों को पहचान लिया। जिसके बाद पुलिस आरोपियों तक तो पहुच चुकी थी। मगर तब तक आरोपी शहर से फरार हो चुके थे। आरोपियों को भनक न लगे इस वजह से पुलिस ने मामले में बहुत जल्दबाजी नही दिखाई और आरोपियों के बेफिक्र होने का इंतज़ार किया।
बताते चले कि पीड़िता की शिकायत के आधार पर तीनों आरोपियों के खिलाफ छेड़खानी, धमकाने और IT एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। बाद में छात्रा ने मजिस्ट्रेट को बयान दिया कि तीनों आरोपियों ने उसका यौन उत्पीड़न किया। फिर बंदूक की नोक पर उसे निर्वस्त्र कर वीडियो बनाया। और फिर वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड करने की धमकी दी थी। इस बयान के आधार पर मुक़दमे में सामूहिक दुष्कर्म और इलेक्ट्रॉनिक साधनों से यौन उत्पीड़न की धाराएं बढ़ाई थीं। तीनों आरोपियों को फिलहाल 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
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