तारिक़ खान
डेस्क: मणिपुर में हिंसा का ताज़ा दौर फिर से शुरू हो गया है। गुरुवार और बुधवार की दरमियानी रात हुई हिंसा में पांच आम नागरिक और सेना के तीन जवान मारे गए हैं। इसके एक दिन पहले बुधवार की सुबह टेंग्नौपाल में ‘हथियारबंद चरमपंथियो’ के हमले में दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी और छह लोग घायल हो गए थे। दो दिन की हिंसा में कुल सात लोगों की मौत हो गयी है। गुरुवार को राज्य के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन किये गए। बीते आठ महीने से राज्य में जारी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है।
गुरुवार को मणिपुर पुलिस ने एक्स पर जानकारी देते हुए लिखा- “18 जनवरी को विष्णुपुर ज़िले के निंगथौखोंग खा खुनो में अज्ञात सशस्त्र बदमाशों ने चार आम नागरिकों की हत्या की। मामले की जांच जारी है और अपराधियों को गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रही है।” इस ट्वीट के थोड़ी देर बाद ही मणिपुर पुलिस ने बताया कि एक और नागरिक की हत्या हो गयी है।
इससे पहले 17 जनवरी की देर रात मणिपुर पुलिस ने बताया था कि चरमपंथियों ने योजना के तहत सुरक्षाबलों पर हमला किया जिसमें मणिपुर राइफ़ल्स के एक जवान, मणिपुर पुलिस के आईआरबी फ़ोर्स के एक जवान और भारतीय रिज़र्व बटालियन के एक जवान सहित कुल तीन सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गयी।
बताते चले कि बीते साल मई से मणिपुर में बहुसंख्यक मैतेई समुदाय और आदिवासी कुकी-ज़ो समुदाय के बीच जातीय हिंसा जारी है। पिछले आठ महीनों में कम से कम 200 लोगों की जान गई है और 50,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं।
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