आदिल अहमद
डेस्क: समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने 1990 में अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलाने की कार्रवाई को उचित क़रार दिया है। मौर्य ने बुधवार को कहा, ‘वहां पर बिना किसी न्यायपालिका के निर्देश के और बिना किसी प्रशासनिक आदेश के अराजक तत्वों ने बड़े पैमाने पर जो तोड़फोड़ की थी, उसे देखते हुए तत्कालीन सरकार ने संविधान और क़ानून की रक्षा और अमन चैन कायम करने के लिए तब जो गोली चलवाई थी, वो सरकार का कर्तव्य था।’
बताते चले कि साल 1989 में मुलायम सिंह पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। केंद्र में वीपी सिंह की सरकार के पतन के बाद मुलायम ने चंद्रशेखर की जनता दल (समाजवादी) के समर्थन से अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी बरकरार रखी। इसी दरमियान अयोध्या में कारसेवको का जत्था जुटा।
जब अयोध्या का मंदिर आंदोलन तेज़ हुआ तो कार सेवकों पर साल 1990 में उन्होंने गोली चलाने का आदेश दिया जिसमें एक दर्जन से ज्यादा लोग मारे गए थे। बाद में मुलायम ने कहा था कि ये फैसला कठिन था। हालांकि इसका उन्हें राजनीतिक लाभ हुआ था और उनकी मुस्लिम परस्त छवि बनी थी।
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