तारिक़ खान
डेस्क: शिवसेना के दोनों धड़ों के विधायकों की अयोग्यता पर बुधवार को आए महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के फ़ैसले को उद्धव ठाकरे ने मानने से इनकार कर दिया है। उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को चुनौती दी है कि वे दोनों उनके साथ ‘सार्वजनिक बहस’ में भाग लें और बताएं कि किसकी शिवसेना असली है।
विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के फ़ैसले पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि पिछले हफ़्ते दिए गए फ़ैसले के ख़िलाफ़ हम सुप्रीम कोर्ट गए हैं। इसके साथ ही हम जनता की सर्वोच्च अदालत में भी आए हैं। शिंदे के साथ नार्वेकर जनता की अदालत में आएं, मैं भी वहां आकर बताऊंगा कि शिवसेना किसकी है, फिर लोगों को निर्णय लेना चाहिए।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि जिस महाराष्ट्र में राम शास्त्री (मराठा शासन के समय के प्रसिद्ध जज) का जन्म हुआ, जहां बाबा साहब आंबेडकर का जन्म हुआ, उसी मिट्टी में लोकतंत्र की हत्या हो रही है। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में ठाकरे के अलावा विधानसभा अध्यक्ष के सामने बहस करने वाले उनके वकील देवदत्त कामत और असीम सरोदे भी मौजूद थे।
विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर ने इस सम्बन्ध में कहा है कि ‘मैंने 10 जनवरी को अपने फ़ैसले का एलान किया। इसके बाद से पार्टी के कुछ लोग समाज में लगातार ग़लतफ़हमी फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। 2018 का संविधान संशोधन चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में नहीं है। इसलिए मैं इसे स्वीकार नहीं कर सकता, उन्होंने अपने फ़ैसले के पीछे की वजह साफ शब्दों में बताई।’ राहुल नार्वेकर ने कहा, ‘दरअसल नतीजों के बाद समझाने की ज़रूरत नहीं है। लेकिन फिर भी मैं इस बारे में बात कर रहा हूं ताकि इस स्थिति को लेकर कोई ग़लतफ़हमी न रहे।’
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