एच भाटिया
डेस्क: दिल्ली में डीडीए द्वारा 30 जनवरी को महरौली इलाके में संजय वन और महरौली ईदगाह के बीच स्थित अखुंदजी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया था। मस्जिद का रख रखाव वक्फ बोर्ड द्वारा किया जा रहा था और परिसर में एक मदरसा भी चलता था। मस्जिद को 600-700 साल पुराना बताया जाता है। इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली विकास प्राधिकरण से उस जमीन पर यथास्थिति बनाए रखने को कहा है।
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार न्यायाधीश ने आदेश दिया है कि 12 फरवरी तक यथास्थिति बरकरार रखी जाएगी। ‘अदालत ने हालांकि स्पष्ट किया कि यथास्थिति आदेश केवल उस खसरा नंबर के संबंध में पारित किया गया है जहां मस्जिद स्थित थी और यह आसपास के क्षेत्रों पर कार्रवाई के लिए डीडीए पर रोक नहीं लगाएगा।’
गौरतलब हो कि सितंबर 2023 में डीडीए ने अदालत को आश्वासन दिया था कि वह वक्फ बोर्ड के अधीन मस्जिदों और संपत्तियों को बिना सीमांकन के ध्वस्त करने की कार्रवाई नहीं करेगा। 5 फरवरी को जस्टिस सचिन दत्ता ने दिल्ली वक्फ बोर्ड की प्रबंध समिति द्वारा दायर एक तत्काल अर्जी पर सुनवाई की थी, जिसमें कहा गया है कि जिस तरह से ध्वस्तीकरण हुआ, वो बेशर्म और अपमानजनक था।
दावा किया जा रहा है कि डीडीए की इस कार्यवाही में मस्जिद के इमाम बेघर हो गए है, क्योंकि इस कार्रवाई में उनका घर भी ध्वस्त कर दिया गया था। वक्फ बोर्ड का यह भी आरोप है कि ‘कुरान की प्रतियां फाड़ दी गईं और बच्चों को उनका सामान भी नहीं ले जाने दिया गया और कोई भी रिकॉर्ड सुरक्षित नहीं रखा गया।’
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