तारिक़ खान
डेस्क: एकनाथ शिंदे गुट के एक विधायक ने बच्चों बच्चों से कहा कि ‘अगर उनके माता-पिता मुझे वोट नहीं देते हैं तो वे खाना छोड़ दें!’ शिवसेना विधायक की इस हरकत पर विवाद हो गया है और विपक्षी पार्टियों ने शिवसेना विधायक के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर दी है। विधायक के ऐसे बयान की आलोचना भी हो रही है.
संतोष बांगर का यह बयान ऐसे वक्त सामने आया है, जब हाल ही में चुनाव आयोग ने बच्चों को चुनाव संबंधी गतिविधियों में शामिल करने के खिलाफ दिशा-निर्देश जारी किए हैं। कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी ने शिवसेना विधायक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। एनसीपी-शरद पवार के प्रवक्ता क्लाइड क्रेस्टो ने कहा बांगर ने जो भी बच्चों से कहा, वह चुनाव आयोग के दिशा निर्देशों के खिलाफ है। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। वह बार-बार नियमों का उल्लंघन करते हैं, लेकिन सरकार में होने के चलते उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती। चुनाव आयोग को उनके खिलाफ बिना किसी पक्षपात के कार्रवाई करनी चाहिए।
कांग्रेस नेता विजय वडेत्तिवार ने भी संतोष बांगर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि राज्य के शिक्षा मंत्री क्या उस वक्त सो रहे थे, जब उनकी पार्टी के विधायक स्कूली बच्चों से ऐसी बात कर रहे थे। संतोष बांगर पहले भी अपने बयानों को लेकर विवादों में आ चुके हैं। बीते महीने ही उन्होंने कहा था कि अगर नरेंद्र मोदी 2024 के लोकसभा चुनाव में फिर से प्रधानमंत्री नहीं चुने गए तो वे फांसी लगा लेंगे। बीते साल एक रैली के दौरान तलवार दिखाने पर भी उनके खिलाफ शिकायत हुई थी। साल 2022 में एक कैटेरिंग मैनेजर को थप्पड़ मारने के आरोप भी संतोष बांगर पर लग चुके हैं।
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