एच0 भाटिया
नई दिल्ली: सीएए को लेकर केंद्र सरकार को घेरते हुवे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा है कि देश के युवाओं को सरकार नौकरी नही दे पा रही है, मगर बाहर के लोगो को बसाने के लिए तैयार है। अपने आवास के बाहर हुवे शर्णार्थियो के प्रदर्शन के बाद आज एक पत्रकार वार्ता में उन्होंने बेरोज़गारी को लेकर सरकार पर जमकर निशाना साधा है।
केजरीवाल ने कहा कि ‘आज़ादी के बाद बड़े स्तर पर पलायन हुआ। अब सीएए की वजह से काफी बड़ा पलायन होने वाला है। इन देशों में लगभग 2।5 से तीन करोड़ अल्पसंख्यक रहते हैं। वहां बहुत ग़रीबी है। उनके लिए भारत की नागरिकता मिलना सपने की तरह है। इनमें से अगर 1।5 करोड़ लोग आ गए तो उनको कहां बसाएंगे?’ बताते चले कि नागरिकता संशोधन नियम लागू होने के बाद अब पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश के हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई जो 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत में आए थे, उन्हें भारतीय नागरिकता मिल सकती है।
आप कह रहे हैं कि 2014 तक आए लोगों को बसाएंगे। पर मैं पूछना चाहता हूं कि क्या 2014 के बाद लोग आना बंद हो गए हैं। पहले लोगों में डर होता था। अब आप ये डर ख़त्म कर रहे हो। रोहिंग्या तो आपके दौर में ही भारत आए। इतने घुसपैठिए आने वाले हैं कि आप कल्पना नहीं कर पाएंगे। पाकिस्तान से आए घुसपैठियों को आप भारत में नौकरी दोगे। सरकारी पैसा 140 करोड़ लोगों का पैसा है। पाकिस्तान, बांग्लादेश के लोगों ने पैसा नहीं दिया। यहां का पैसा आप दूसरे देशों के लोगों पर खर्च करना चाह रहे हैं।
आपके घर के सामने पाकिस्तान से आए लोगों की झुग्गियां बसा दी गईं तो क्या आपकी बहू, बेटी सुरक्षित होंगी। कौन होंगे ये लोग? क्या देश सुरक्षित होगा? चारों तरफ क़ानून-व्यवस्था की समस्या नहीं पैदा हो जाएगी? अगर आपको बाहर से लोगों को ही लाना है, जो उद्योगपति देश छोड़कर चले गए, तो इन लोगों को वापस लाइए। ऐसे 11 लाख लोग देश छोड़कर चले गए। ये अमीर लोग हैं, आकर फैक्ट्री लगाएंगे तो नौकरी मिलेगी। अगर आप पाकिस्तान, बांग्लादेश से आकर लोगों को यहां बसाएंगे तो ये मंज़ूर नहीं है।
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