तारिक़ आज़मी
डेस्क: अरविन्द केजरीवाल को कल ईडी ने अदालत में पेश कर 7 दिनों की रिमांड मांगी, जिसका केजरीवाल ने विरोध नही बल्कि समर्थन करते हुवे कहा कि ‘जब तक चाहे ईडी मुझे हिरासत में रख सकती है। इस दरमियान केजरीवाल ने अदालत में अपना लम्बा बयान दिया जिसमे काफी तर्कों का उत्तर ईडी के पास नही था। बेशक आज केजरीवाल को कोई राहत न मिलने की बात सामने आ रही हो, मगर सबसे बड़ी बात जो थी वह केजरीवाल का अदालत में दिला बयान था जिसने ईडी की पूरी कार्यशैली पर ही सवालिया निशाँन लगा दिया। केजरीवाल की हिरासत ईडी एक सप्ताह की चाहता था, मगर अदालत ने महज़ 4 दिन की रिमांड मंज़ूर किया।
ईडी ने अपनी ताज़ा रिमांड याचिका में कहा था कि कस्टडी में पूछताछ के दौरान पांच दिनों तक उनके बयान रिकॉर्ड किए गए। ईडी ने ये आरोप लगाया है कि वे सवालों के जवाब देने में टालमटोल कर रहे थे। ईडी की ओर से कहा गया है कि रिमांड अवधि के दौरान तीन अन्य लोगों के बयान भी दर्ज किए गए हैं। अदालत में इस मौक़े पर केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल, दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी, सौरभ भारद्वाज और अन्य कई लोग मौजूद थे। ईडी ने अदालत से केजरीवाल की हिरासत और सात दिन बढ़ाने की मांग की।
इस दौरान केजरीवाल ने अदालत से कहा कि वे रिमांड का विरोध नहीं करते हैं, बल्कि वे ईडी की ओर से लगाए गए आरोपों की सारी जांच के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, ‘असली घोटाला तो ईडी की जांच के बाद हुआ है। एक मकसद था आप को क्रश करना। एक माहौल बनाना कि आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचारी है।’ केजरीवाल ने अदालत में बयान देते हुवे कहा कि ‘शरद रेड्डी के केस में शरद रेड्डी को जमानत दो कारण से मिली। सबसे पहले शरद रेड्डी ने मेरे ख़िलाफ़ बयान दिया और शरद रेड्डी ने गिरफ्तार होने के बाद 55 करोड़ रुपये का चंदा भाजपा को दिया। गिरफ्तार होने के बाद 55 करोड़ रुपये के बॉन्ड शरद रेड्डी ने खरीदे और उसके बाद उसे जमानत मिल गई। इससे मनी ट्रेल साबित हो जाता है। यही पूरी जांच का मक़सद था कि एक तरफ आम आदमी पार्टी को क्रश करना। एक स्मोक स्क्रीन क्रिएट करना और पीछे से एक्सट्रैक्शन करना।’
उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी का मक़सद आम आदमी पार्टी को दबाना है। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, अदालत में पेश करने से पहले केजरीवाल से दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के उस बयान पर राय मांगी गई कि जेल से दिल्ली की सरकार नहीं चलेगी। इस पर केजरीवाल ने कहा कि यह एक राजनीतिक साज़िश है, लोग इसका जवाब देंगे। उन्होंने अदालत से कहा, ‘आरोप लगाया गया है कि 100 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा है कि मनी ट्रेल का सबूत नहीं है। यह केस दो साल से चल रहा है। 17 अगस्त, 2022 को सीबीआई का पहला केस दर्ज हुआ था और 22 अगस्त को ईडी ने मामला दर्ज किया। मुझे गिरफ्तार किया गया है। ना तो किसी कोर्ट ने मुझे दोषी करार दिया है और ना ही मेरे ऊपर कोई मुकदमा चला है। ना ही मेरे ऊपर कोई आरोप तय हुआ है, ना ही मेरे ऊपर कोई आरोप लगे हैं।’
उन्होंने कहा कि ‘अभी तक इस केस में सीबीआई 31,000 पेज कोर्ट में फाइल कर चुकी है और 294 विटनेस को एग्जामिन कर चुकी है। ईडी लगभग 162 विटनेस को एग्जामिन कर चुकी है और 25,000 पेज फाइल कर चुकी है। इन सारे विटनेस और कागजों को मिलाकर मुझे क्यों गिरफ्तार किया गया है? उनकी गिरफ़्तारी चार अभियुक्तों के बयान के आधार पर हुई है, जो बाद में गवाह बन गए और फिर उन्हें माफ़ी दे दी गई। क्या ये चार लोगों के बयान एक सत्तारूढ़ मुख्यमंत्री को गिरफ़्तार करने के लिए काफ़ी है? अगर शराब घोटाला हुआ है, तो इसका पैसा कहां गया?’
अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘मेरा नाम सीधे-सीधे 4 स्टेटमेंट में आता है। उसे मैं आपके सामने के रखने की इजाजत चाहता हूं। मेरा नाम चार जगह आ रहा है। इसका मतलब ईडी का मक़सद केवल और केवल मुझे फंसाना था। सेक्शन 50 के तीन स्टेटमेंट हैं। तीनों बराबर हैं। उनमें से एक-एक स्टेटमेंट को तवज्जो क्यों दी गई? क्या जांच की गई है कि इनमें से एक सही है और बाकी दो गलत हैं? मैं केवल यह जानना चाहता हूं क्या यह चार स्टेटमेंट एक मौजूदा मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करने के लिए पर्याप्त हैं? शराब घोटाले का पैसा आखिर कहां है? आरोप लगाया जा रहा है कि 100 करोड़ रुपये किसी साउथ लॉबी ने शराब की पॉलिसी बनाने के लिए आम आदमी पार्टी को दिए।’
उन्होंने दलील देते हुवे कहा कि ‘यह जस्टिस संजीव खन्ना का ऑर्डर है, पेज 22 के पैराग्राफ 12 में कहा गया है कि 100 करोड़ रुपये रिश्वत का मामला डिबेट के लायक है। इसका मतलब ये है कि रिश्वत का मामला संदेह है। उसके सबूत ही नहीं है। ईडी की जांच के दो मकसद थे। पहला मकसद आम आदमी पार्टी को क्रश करना। ईडी का दूसरा मकसद था उसके पीछे एक्सटेंशन एक्सटॉर्शन रैकेट चलाना जिसके जरिए वह पैसे इकट्ठा कर रहे हैं।’ अरविन्द केजरीवाल के उस एक शब्द पर ईडी के जानिब खमोशी छा गई जब उन्होंने कहा कि ‘चलिए मैं कहता हु कि मैंने100 करोड़ हवाला के ज़रिये अमित शाह और मोदी जी को दिए, क्या ईडी उनके ऊपर कार्यवाही करेगी?’
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