सारा अंसारी
डेस्क: अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) और मानव विकास संस्थान (आईएचडी) द्वारा मंगलवार (26 मार्च) को जारी एम्प्लॉयमेंट रिपोर्ट 2024 बताती है कि भारत के बेरोजगारों में लगभग 83 प्रतिशत युवा हैं और कुल बेरोजगार युवाओं में माध्यमिक या उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं की हिस्सेदारी में भारी बढ़ोत्तरी देखी गई है।
द हिंदू के मुताबिक, रिपोर्ट बताती है कि साल 2000 से 2019 के बीच युवा रोजगार और अल्परोजगार में वृद्धि हुई, लेकिन महामारी के वर्षों के दौरान इसमें गिरावट आई। शिक्षित युवाओं ने इस अवधि के दौरान देश में बेरोजगारी के उच्च स्तर का अनुभव किया है। देश के कुल बेरोजगार युवाओं में पढ़े-लिखे बेरोजगारों की संख्या भी साल 2000 के मुकाबले अब दोगुनी हो चुकी है।
साल 2000 में पढ़े-लिखे युवा बेरोजगारों की संख्या कुल युवा बेरोजगारों में 35.2 प्रतिशत थी। वहीं साल 2022 में ये बढ़कर 65.7 प्रतिशत हो गई है। इसमें उन ही पढ़े-लिखे युवाओं को शामिल किया गया है जिनकी कम से कम 10वीं तक की शिक्षा हुई है।
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